अमेरिका के एक हिंदू संगठन ने किसान आंदोलन पर भारत को नसीहत देने वाले कनाडा के प्रधानमंत्री को आईना दिखा दिया है. संगठन ने जस्टिन ट्रूडो से कहा है कि उन्हें अपने नागरिकों के प्रदर्शन के अधिकार का सम्मान करना चाहिए.
- कनाडा में बड़े पैमाने पर चल रहे हैं प्रदर्शन
- कोरोना प्रतिबंधों के खिलाफ सड़क पर उतरे लोग
- आंदोलन कुचलने की कोशिश कर रही सरकार
वॉशिंगटन: किसान आंदोलन (Farmers Protest) पर भारत को नसीहत देने वाले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) को अमेरिकी हिंदू संगठन (US Hindu Organisation) ने आईना दिखाया है. संगठन ने ट्रूडो से कहा है कि उन्हें अपने देशवासियों के प्रदर्शन के अधिकार का सम्मान करना चाहिए. बता दें कि कनाडा के PM ने पिछले साल भारत में प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में टिप्पणियां की थीं.
ट्रूडो को पढ़ाया संयम का पाठ
हिंदू पॉलिसी रिसर्च एंड एडवोकेसी कलेक्टिव (हिंदूपैक्ट) के कार्यकारी निदेशक उत्सव चक्रवर्ती ने कहा कि कनाडा (Canada) में विरोध-प्रदर्शनों और उन्हें दबाने के लिए अपनाए जा रहे कठोर तौर-तरीकों के बारे में आ रही खबरों को लेकर हमें दुख है. वहां स्थिति चिंताजनक है और हम सभी अपने परिवारों व दोस्तों के लिए बहुत चिंतित हैं. उन्होंने कहा कि जस्टिन ट्रूडो सरकार को संयम से काम लेना चाहिए.
‘आपातकाल लागू करना दुखद’
हिंदूपैक्ट की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि किसी भी लोकतंत्र में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन मौलिक अधिकारों में शामिल है. कनाडा में असंतोष की आवाज को दबाने के लिए आपातकाल लागू किए जाने की घोषणा एक दुखद उदाहरण है. उल्लेखनीय है कि बड़ी संख्या में कनाडावासी COVID प्रतिबंधों के विरोध में करीब तीन हफ्तों से ओटावा सहित अन्य शहरों में प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शनकारियों ने अमेरिका व कनाडा को जोड़ने वाले एंबेसडर ब्रिज पर वाहन खड़ाकर जाम लगा दिया था.
‘स्वास्तिक’ पर किया ये आग्रह
प्रदर्शनों को दबाने के लिए ट्रूडो ने राष्ट्रव्यापी आपातकाल का ऐलान किया है. वहीं, ओटावा के पुलिस प्रमुख पीटर स्लोली ने देश की राजधानी को पंगु बनाने वाले प्रदर्शनों को लेकर आलोचना के बीच इस्तीफा दे दिया है. हिंदूपैक्ट ने ट्रूडो व न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी) के नेता जगमीत सिंह से भी आग्रह किया कि वे ‘स्वास्तिक’ की तुलना नाजी प्रतीक ‘हकेनक्रेज’ से न करें. ‘स्वास्तिक’ हिंदू, बौद्ध, सिख व दुनियाभर के कई अन्य समुदायों के लिए एक प्राचीन व शुभ प्रतीक माना जाता है.
गिरफ्तारी की चेतावनी
चक्रवर्ती ने कहा, ‘हमारा मानना है कि इस गलत बयानबाजी से हिंदुओं व सिखों के खिलाफ नफरत की भावना पैदा होगी. पिछले एक महीने में ही कनाडा के छह मंदिरों में तोड़फोड़ और लूटपाट की वारदातें हो चुकी हैं. ट्रूडो और सिंह ने हाल में प्रदर्शनकारियों पर ‘स्वस्तिक’ लहराने का आरोप लगाते हुए टिप्पणी की थी. उधर, कनाडा पुलिस ने बुधवार को ट्रक चालकों पर राजधानी ओटावा की सड़कों को खाली करने के लिए दबाव बढ़ा दिया है. पुलिस ट्रकों चालकों को गिरफ्तार करने की चेतावनी दे रही है. उन्हें बता रही है कि गिरफ्तार होने पर कनाडा के आपातकाल कानून के तहत उनके ड्राइविंग लाइसेंस रद हो जाएंगे.
अब कहां गए वो उपदेश?
भारत में किसानों द्वारा कृषि कानून के खिलाफ किए जा रहे आंदोलन का कनाडा के PM ने समर्थन किया था. उन्होंने कहा था कि लोकतंत्र में शांतिपूर्ण आंदोलनों की इजाजत होनी चाहिए. अब जब उनके देश में प्रदर्शन हो रहे हैं, तो प्रधानमंत्री अपना ज्ञान भूल गए हैं. लोकतंत्र की बात करने वाले ट्रूडो हर तरह से आंदोलन को कुचलना चाहता हैं, प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तारी का डर दिखाया जा रहा है.