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पश्चिम बंगाल

Schools Reopen Update: दो वर्षों में बच्चों के स्कूल यूनिफॉर्म से लेकर जूते तक हो गए हैं छोटे, अभिभावक परेशान

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अभिभावक का कहना है कि 2 वर्षों बाद बच्चे स्कूल जाएंगे। 2 वर्षों से स्कूल बंद रहने के कारण स्कूल यूनिफॉर्म और जूते छोटे हो गये हैं। ऐसे में उनके लिए नये स्कूल यूनिफॉर्म और जूते लेने होंगे।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। दो वर्षों के बाद अब एक बार फिर राज्य का शिक्षा जगत वापस पटरी पर लौटने वाला है। राज्य सरकार की ओर से प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों को खोलने की घोषणा कर दी गयी है। ऐसे में जहां राज्य के स्कूलों की ओर से तैयारियां पूरी कर ली जा रही हैं तो वहीं अभिभावक भी अपने बच्चों को स्कूलों में भेजने के लिए तैयार हो रहे हैं। हालांकि अभिभावकों में इसे लेकर परेशानी भी है। पहली परेशानी तो इस बात की कि 2 वर्षों से जो बच्चे ऑनलाइन क्लास के आदि हो गये थे, अब पुनः उन्हें स्कूल के माहौल में ढालना कितना मुश्किल होगा। दूसरी परेशानी कि दो वर्षों में बच्चों के स्कूल यूनिफॉर्म से लेकर जूते तक छोटे हो गये हैं, बच्चे नयी क्लास में चले गये हैं, ऐसे में सभी तैयारियां पूरी कर ही अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजना चाहते हैं।

देश के कई राज्यों ने स्कूल खोलने का फैसला लिया है। राज्य सरकार ने पहली से 9वीं तक की कक्षाओं के लिए 7 मार्च से खोलने का ऐलान किया है। वहीं इस संबंध में ला मार्टिनियर स्कूल के कक्षा 2 के स्टूडेंट के अभिभावक ने कहा, ‘मैं अपने बेटे को स्कूल जरूर भेजूंगा। स्कूल नहीं जाने से बच्चे स्कूल का महत्व भूल गये हैं। स्कूलों में बच्चे सिर्फ पढ़ाई नहीं करते बल्कि दूसरे बच्चों के साथ खेल-कूद और मिलना-जुलना भी होता है जिससे उनका मानसिक विकास रुक गया था। अब बच्चों को एक बार फिर स्कूल भेजने से बच्चे सामान्य जीवन में लौट सकेंगे।’

एक अभिभावक का कहना है कि पूरी व्यवस्था के बाद ही वह अपने बच्चों को स्कूल भेजेंगी। उन्होंने कहा, ‘2 वर्षों बाद बच्चे स्कूल जाएंगे। 2 वर्षों से स्कूल बंद रहने के कारण स्कूल यूनिफॉर्म और जूते छोटे हो गये हैं। ऐसे में उनके लिए नये स्कूल यूनिफॉर्म और जूते लेने होंगे। हालांकि खुशी है कि अब बच्चे ऑफलाइन मोड में पढ़ाई करेंगे, लेकिन पूरी व्यवस्था के बाद ही बच्चों को स्कूल भेजूंगी।’

एक और अभिभावक अभी ही अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहती हैं। इस बारे में कहा, ‘मैं अभी ही अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहती। कोविड के हालात जब तक और सामान्य नहीं हो जाते, इतना जोखिम मैं नहीं उठा सकती हूं। इसके लिए भले ही बच्चे अभी घर में ही पढ़ाई करें, लेकिन कोविड पूरी तरह ठीक होने के बाद ही अपने बच्चों को स्कूल भेजूंगी।’ 

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