All for Joomla All for Webmasters
बिज़नेस

EPFO: 24 करोड़ लोगों का इंतजार खत्म! मोदी सरकार बढ़ाने वाली है EPF पर ब्याज, इस दिन होगा ऐलान

EPFO

EPFO के केंद्रीय न्यासी बोर्ड की बैठक 12 मार्च को गुवाहाटी में होगी, जिसमें 2021-22 के लिए ब्याज दरों पर चर्चा की जाएगी और फिर वित्त मंत्रालय इस पर अंतम निर्णय लेगा. उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार इस बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर सकती है.

  • EPFO के ब्याज दरों में हो सकती है बढ़ोतरी
  • अगले महीने होने जा रही अहम बैठक
  • CBT लेता है इन मुद्दों पर फैसला

नई दिल्ली: भारत सरकार त्योहारी सीजन में करोड़ों खाताधारकों के लिए बड़ा ऐलान कर सकती है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के बोर्ड CBT की बैठक 12 मार्च को गुवाहाटी में है. इस बैठक में EPFO के मौजूदा वित्त वर्ष की ब्याज दरों पर चर्चा की जाएगी. सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी (Central board of trustee) इस बैठक में मौजूदा वित्त वर्ष के लिए ब्याज दर तय करेगा और फिर अपनी सिफारिशें वित्त मंत्रालय को सौंपेगा.

यह भी पढ़ें: RBI: रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच आरबीआई ने दिखाई दरियादिली! आम लोगों को मिलेगी बड़ी राहत

उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार इस बार EPFO की ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर सकती है. दरअसल, वित्त वर्ष 2021-22 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) जमा पर ब्याज दरें अगले महीने तय की जाएंगी. आइए जानते हैं इस पर ताजा अपडेट.  

जल्द होगा फैसला

गौरतलब है कि EPFO की ब्याज दरों में बढ़ोतरी पर फैसला केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) लेता है. अगले महीने इसकी बैठक होने जा रही है. इस बैठक में कई बड़े बिंदुओं पर फैसला हो सकता है. उम्मीद है कि इसमें चालू वित्त वर्ष के लिए ब्याज दरों पर फैसला किया जाएगा. केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा, ‘EPFO के केंद्रीय न्यासी बोर्ड की बैठक मार्च में गुवाहाटी में होगी, जिसमें 2021-22 के लिए ब्याज दरों तय करने का प्रस्ताव सूचीबद्ध है.’

8.5% की ब्याज दर रह सकती है कायम

केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव ने EPFO 2021-22 के लिए भी 2020-21 की तरह 8.5% की ब्याज दर को कायम रखने के सवाल पर बताया कि यह फैसला अगले वित्त वर्ष के लिए आमदनी के अनुमान के आधार पर किया जाएगा. आपको बता दें कि भूपेंद्र यादव सीबीटी के प्रमुख हैं.

ब्याज दर रह सकती है स्थिर 

वर्तमान वित्त वर्ष EPFO के लिए चुनौती भरा रहा है. लेकिन तमाम अड़चनों के बावजूद 8.5% ब्याज देने के लिए EPFO अपने इक्विटी निवेश में हिस्सा बेच सकता है. इस बार विकल्प कम होने की वजह से बॉन्ड निवेश बहुत कम रहा और पूंजी का निवेश नहीं हो सका. EPFO की फाइनेंस इन्वेस्टमेंट और ऑडिट कमिटी ने अपनी सिफारिशें CBT को भेज दी हैं. यानी मार्च में होने वाली बैठक में ब्याज दर पर अंतिम फैसला लिया जाएगा.

पिछले 10 सालों का ऐसा है आंकड़ा 

CBT की ओर से ब्याज दर पर फैसला लेने के बाद इसे वित्त मंत्रालय की अनुमति के लिए भेजा जाता है. जहां इस पर अंतिम निर्णय होता है. मार्च- 2020 में EPFO ने भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर को घटाकर 2019-20 के लिए 8.5% के 7 साल के निचले स्तर पर ला दिया था. 

यह भी पढ़ें: इन सरकारी बैंकों की बल्ले-बल्ले! सरकार दे रही है 15 हजार करोड़ रुपये, ग्राहकों को होगा फायदा

2018-19 में 8.65% ब्याज
2017-18 में 8.65% ब्याज
2016-17 में 8.65% ब्याज
2015-16 में 8.8% ब्याज
2014-15 में 8.75% ब्याज
2013-14 में 8.75% ब्याज
2012-13 में 8.5% ब्याज
2011-12 में 8.25% ब्याज

गौरतलब है कि अभी हाल में EPFO ने अपने ट्विटर हैंडल पर बताया कि उसने वित्त-वर्ष 2020-21 के लिए 24 करोड़ अधिक PF खातों में ब्याज जमा कर दिया है. संगठन ने 8.5 फीसदी के हिसाब से ब्याज दिया है.

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top