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Crude Price Rise: कच्चे तेल की कीमतों को स्थिर रखने के लिए अमेरिका देगा 3 करोड़ बैरल क्रूड ऑयल, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन का ऐलान

Crude Oil Price Update: यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद वैश्विक स्तर पर तेल की कीमतों को स्थिर रखने के लिए अमेरिकी प्रशासन करोड़ों बैरल तेल देने का फैसला किया है.

Crude Oil Price Hike: रूस के यूक्रेन पर सैन्य हमले और उसपर लगाये गए आर्थिक प्रतिबंधों के मद्देनजर कच्चे तेल की कीमतों में आग लगी है. कच्चे तल की कीमतें 110 डॉलर प्रति बैरल के पार जा पहुंची है. वहीं रूस पर लगाये गए प्रतिबंधों के चलते माना जा रहा है कि दुनियाभर में कच्चे तेल की सप्लाई बाधित हो सकती है. ऐसे में अमेकिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने ऐलान किया है कि यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद वैश्विक स्तर पर तेल की कीमतों को स्थिर रखने के लिए  अमेरिकी प्रशासन ने 30 अन्य देशों के साथ मिलकर अमेरिकी रणनीतिक आरक्षित भंडार (रिजर्व) से करोड़ों बैरल तेल देने का फैसला किया है. 

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बाइडन ने मंगलवार को स्टेट ऑफ यूनियन भाषण के बीच में कहा कि उनका प्रशासन यह सुनिश्चित करने के लिए मजबूत कदम उठा रहा है कि रूस की अर्थव्यवस्था को लक्षित कर लगाए गए अमेरिकी प्रतिबंधों का व्यपाक असर हो. उन्होंने संकल्प लिया कि उनका प्रशासन अमेरिकी कारोबार और उपभोक्ताओं की रक्षा के लिए सभी कदम उठाएगा. 

बाइडन ने कहा,  मैं सभी अमेरिकियों के प्रति ईमानदार रहूंगा जैसा कि मैंने हमेशा वादा किया है. रूसी तानाशाह ने दूसरे देश पर हमला किया है और इसका भार पूरी दुनिया पर पड़ रहा है. उन्होंने कहा,  मैं घोषणा कर सकता हूं कि अमेरिका ने 30 अन्य देशों के साथ दुनिया भर के तेल रिजर्व (आरक्षित भंडार) से छह करोड़ बैरल तेल देने के लिए काम किया है. अमेरिका इस पहल का नेतृत्व करेगा और हम अपने रणनीतिक पेट्रोलियम आरक्षित भंडार से तीन करोड़ बैरल तेल जारी कर रहे हैं . जरूरत पड़ी तो और करेंगे.  हम अपने साझेदारों के साथ एकजुट हैं. 

रूस है कच्चे तेल का बड़ा उत्पादक
रूस यूक्रेन के बीच युद्ध को थामा नहीं गया तो कच्चे तेल के दाम और बढ़ सकते हैं जिससे भारत की मुसीबत और बढ़ेगी. दरअसल रूस दुनिया के बड़े तेल उत्पादक देशों में शामिल है. रूस यूरोप को उसके कुल खपत का 35 फीसदी कच्चा तेल सप्लाई करता है. भारत भी रूस से कच्चा तेल खरीदता है. दुनिया में 10 बैरल तेल जो सप्लाई की जाती है उसमें एक डॉलर रूस से आता है. ऐसे में कच्चे तेल की सप्लाई बाधित होने से कीमतों में और अधिक तेजी आ सकती है. जिससे भारत में महंगाई जबरदस्त तरीके से बढ़ सकती है. 

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