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सेक्टर और थीम आधारित फंड्स में निवेश करने से पहले जानें 6 जरूरी बातें

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अगर आप सेक्टर और थीम आधारित फंड में निवेश करने की योजना बना रहे हैं तो आपको जरूरत है कि उसके बारे में जरूरी जानकारी हासिल कर लें। ऐसे हम आपके यह जानकारी लेकर आए हैं। लेख में संबंधित निवेश से जुड़ी 6 बातें बताई गई हैं।

नई दिल्ली, श्रीनाथ एम एल। सेक्टर और थीम आधारित फंड आपको एक विशिष्ट सेक्टर/थीम में केंद्रित निवेश का विकल्प प्रदान करते हैं। सेक्टोरल फंड मुख्य रूप से किसी विशेष क्षेत्र से संबंधित कंपनियों में निवेश करते हैं जैसे: ऑटो, बैंकिंग, फार्मा आदि। वहीं, थीमैटिक या विषय आधारित फंड एक विशिष्ट विषय से संबंधित कंपनियों में निवेश करते हैं। अंतर यह है कि थीम आधारित फंड ज्यादा व्यापक होता है और यह कई क्षेत्रों में फैला हो सकता है, जैसे खपत, बुनियादी ढांचा और विनिर्माण आदि। हालांकि, सेक्टर/थीम आधारित फंड्स में निवेश में कई बारीकियां शामिल हैं। इन फंड्स में निवेश करने से पहले आपको मुख्य रूप से छह बातों पर विचार करने की आवश्यकता है।

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संभावित विजेता थीम/सेक्टर की पहचान

सबसे पहले, आपको भविष्य के लिए संभावित विजेता सेक्टर/थीम की पहचान करने की आवश्यकता है। हम केवल सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली थीम में निवेश नहीं कर सकते क्योंकि अलग-अलग थीम अलग-अलग समय पर अच्छा करती हैं। जिन सेक्टर्स/थीम ने पिछले कुछ वर्षों में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है, वे अगले कुछ वर्षों में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकते हैं और जिन्होंने अतीत में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है, वह भविष्य में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। वास्तव में, पिछले 16 वर्षों में एक वर्ष में शीर्ष पर रहने वाले क्षेत्र (जैसे रियल्टी, एफएमसीजी, मेटल, हेल्थकेयर, मीडिया और आईटी) भी दूसरे वर्ष में सबसे निचले स्थान पर रहे हैं।

एक्‍सपोजर को लेकर आपका वर्तमान स्तर

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यहां, आपको यह पता लगाने की जरूरत है कि आपके मौजूदा पोर्टफोलियो में चुनी गई थीम के लिए आपके पास पहले से कितना निवेश है। यदि आपके पोर्टफोलियो में पहले से ही थीम के लिए एक महत्वपूर्ण आवंटन है, तो अतिरिक्त जोखिम लेने से बचा जा सकता है।

थीम/सेक्टर में प्रवेश करने और बाहर निकलने का समय

जब थीम/क्षेत्रों में निवेश करने की बात आती है तो समय बहुत मायने रखता है। ऐतिहासिक रूप से, अधिकांश सेक्टर और थीम आधारित सूचकांक (जैसे रियल्टी, टेलीकॉम, यूटिलिटीज, एनर्जी, इंफ्रा, पीएसयू) अन्य विविध सूचकांकों की तुलना में कमजोर प्रदर्शन के लंबे दौर से गुजरे हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि अधिकांश क्षेत्र चक्रीय होते हैं और व्यापार तथा आर्थिक चक्र में बदलाव के प्रति संवेदनशील होते हैं। आदर्श रूप से, आपको इस चक्र के शुरू होने से पहले विषय में प्रवेश करना होगा और चक्र के चरम पर बाहर निकलना होगा। लेकिन वास्तव में, यह भविष्यवाणी करना बेहद कठिन है कि चक्र कब शुरू होते हैं और कितने समय तक चलते हैं।

अस्थिरता को संभालना

सेक्टर और थीम फंड भी ऐसे डिजाइन किये जाते हैं कि यह उच्च अस्थिरता का प्रदर्शन करते हैं। सूचकांकों ने ऐतिहासिक रूप से लंबी अवधि तक निचले स्तर पर कारोबार किया है। उदाहरण के लिए, निफ्टी इन्फ्रास्ट्रक्चर इंडेक्स 2006 के बाद से 85% के पीक से कम से कम 20% नीचे था। कमजोर प्रदर्शन और कमजोर होते हुए लंबी अवधि के लिए जारी रह सकता है।

वैल्यूएशन

अगली चुनौती इस बात पर विचार करना है कि क्या अंतर्निहित कंपनियों का मूल्यांकन पहले से ही अपेक्षित वृद्धि में शामिल है। स्टॉक की कीमतें किसी कंपनी के अपेक्षित प्रदर्शन का एक भाग हैं। यदि बाजार में पहले से ही बहुत अधिक उम्मीदें हैं तो आपके उच्च रिटर्न अर्जित करने की संभावना कम है।

फंड का चयन

अंत में, आपको चुनी हुई थीम को चलाने के लिए सही फंड चुनना होगा। विषय से संबंधित सभी कंपनियां/फंड अच्छा प्रदर्शन नहीं करते हैं, भले ही अंतर्निहित थीम पक्ष में हो। इसे देखते हुए आपको अंतर्निहित थीम के प्रदर्शन का लाभ उठाने के लिए एक साबित ट्रैक रिकॉर्ड के साथ एक फंड/फंड मैनेजर चुनने की जरूरत है।

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