All for Joomla All for Webmasters
दुनिया

रूस ने प्रतिबंधों की बौछार के बीच भारत को दिया ये आकर्षक ऑफर!

यूक्रेन पर हमला बोलने के लिए रूस पर प्रतिबंधों की बौछार हो रही है. अमेरिका सहित तमाम देशों ने रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं. ऐसे में रूस की तेल कंपनियां भारत को क्रूड आयल पर भारी डिस्काउंट ऑफर कर रही हैं. 

मॉस्को: यूक्रेन (Ukraine) पर हमले की सजा रूस (Russia) को प्रतिबंधों के रूप में मिल रही है. अमेरिका सहित यूरोपीय देशों ने रूस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं. इस बीच, प्रतिबंधों से परेशान रूस की तेल कंपनियां (Russian Oil Companies) भारत को तेल पर भारी डिस्काउंट ऑफर कर रही हैं. इन रूसी कंपनियों द्वारा भारत को कच्चे तेल (Crude Oil)  की कीमत पर 25-27 प्रतिशत तक की छूट की पेशकश कर रही है. 

अन्य देशों से व्यापार हुआ मुश्किल

बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन पर हमले को लेकर (Ukraine-Russia War) रूस के कई बैंकों को अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग सिस्टम स्विफ्ट बैंकिंग सिस्टम से हटा दिया गया है, जिसके बाद रूस के लिए अन्य देशों के साथ व्यापार करना मुश्किल हो गया है. रूस की सरकार इस स्थिति से निकलने के लिए एक नया पेमेंट सिस्टम तैयार करने में लगी है. अगर ये हो जाता है, तो भारत के साथ रूस का तेल व्यापार बढ़ पाएगा.

Read more:रूस-यूक्रेन जंग के बीच जेलेंस्की की पत्नी का पुतिन पर बड़ा हमला, बोलीं- ‘न हार मानेंगे, न हथियार डालेंगे’

इस रूसी कंपनी से तेल खरीदता है भारत

रूस की सबसे बड़ी सरकारी तेल कंपनी रोसनेफ्ट (Rosneft) से भारत अधिक मात्रा में कच्चा तेल खरीदता है. पिछले साल दिसंबर में जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) भारत आए थे, तब रोसनेफ्ट और इंडिया ऑयल कॉर्पोरेशन ने 2022 के अंत तक नोवोरोस्सिएस्क बंदरगाह के जरिए भारत को 2 करोड़ टन तक तेल की आपूर्ति के लिए एक कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर किया था. वैसे, भारत मध्य-पूर्व पर तेल खरीद के लिए निर्भर है, लेकिन वो अमेरिका और रूस जैसे देशों से तेल खरीद बढ़ाने की तरफ आगे बढ़ रहा है, ताकि तेल के आयात में विविधता आए.

भुगतान का तरीका स्पष्ट नहीं 

रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि रूसी तेल कंपनियां ब्रेंट क्रूड ऑयल की पुरानी कीमतों पर 25-27 फीसदी की छूट दे रही हैं, जो निश्चित तौर पर एक आकर्षक प्रस्ताव है. हालांकि, अभी ये स्पष्ट नहीं है कि तेल खरीद का भुगतान कैसे किया जाएगा. उधर, एक्सपर्ट्स का कहना है कि प्रतिबंधों के बीच रूस के साथ व्यापार शुरू करने से पहले भारत को बेहद सतर्क रहना चाहिए. यूक्रेन पर रूसी हमले के बीच उससे तेल खरीदना कई देशों को नाराज कर सकता है, क्योंकि वो इसे रूस को वित्तीय सहायता देने के रूप में भी देख सकते हैं.

Read more:रूस को एक और झटका देने के लिए बाइडन ने तैयार की रणनीति, ‘कंगाल’ हो जाएगी पुतिन सरकार !

वैकल्पिक रास्ते खोज रहा RBI

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रतिबंध लगाए जाने से ठीक पहले ही रूस के कच्चे तेल की कीमत 11.60 बैरल नीचे चली गई थी. इसके बावजूद भी रूस के कच्चे तेल की बोली नहीं लगी, क्योंकि रूस पर संभावित प्रतिबंधों को देखते हुए तेल के खरीददार नहीं मिले. रूस के कई बैंकों को स्विफ्ट बैंकिंग सिस्टम से निकाल दिया गया है, जिस कारण रूस के साथ व्यापार करना विश्व के अन्य देशों के लिए मुश्किल हो गया है. भारत सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक रूस से अपने आयात के भुगतान के लिए वैकल्पिक रास्ते खोज रहे हैं. भारत बैंकों और कंपनियों से इसे लेकर कोई रास्ता निकालने को लेकर बात कर रहा है.

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top