राजस्थान में लोगों को स्वास्थ्य का कानूनी अधिकार देने के लिए गहलोत सरकार सक्रिय हो गई है। सीएम गहलोत की अध्यक्षता में आज मुख्यमंत्री आवास पर शाम 6 बजे कैबिनेट की बैठक प्रस्तावित है। बैठक में राइट टू हेल्थ बिल समेत कई फैसलों पर गहलोत कैबिनेट की मुहर लग सकती है। कैबिनेट से बिल को मंजूरी मिलने के बाद मौजूदा विधानसभा सत्र में रखा जाएगा। सीएम गहलोत की मंशा है कि राइट टू हेल्थ बिल मौजूदा विधानसभा सत्र में पारित कर दिया जाए। इस विधेयक के कानून बनने पर सरकार निजी अस्पतालों पर भी नियंत्रण कर सकेगी। निजी अस्पतालों की मनमानी पर अंकुश लगेगा। जरूरत के समय आम लोगों को उपचार मुहैया कराया जा सकेगा। बिल में प्रावधान किया गया है कि निजी अस्पताल मृत्यु होने पर मरीज का शव नहीं रोक सकेंगे।
विधानसभा में स्वास्थ्य मंत्री ने दिए संकेत
विधानसभा सत्र में स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि था कि राजस्थान स्वास्थ्य का अधिकार विधेयक 2022 का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है। सीएम गहलोत की मंशा के अनुरुप राज्य सरकार निरोजी राजस्थान के लिए कृतसंकल्प है। कैबिनेट और मंत्रिपरिषद की बैठक मुख्यमंत्री निवास पर ऑफ लाइन एक साथ होगी। गहलोत कैबिनेट की बैठक में कई बिलों को लेकर चर्चा संभव है। इसमें राइट टू हेल्थ,जवाबदेही कानून के साथ सहकारी संस्थाओं के रजिस्ट्रेशन संबंधी बिल, सेवा नियमों में संशोधन को लेकर विचार किया जा सकता है। इसके अलावा बैठक में स्वास्थ्य विभाग के 3 ,यूडीएच के 2 , शिक्षा विभाग 3 , गृह विभाग के 1 प्रस्ताव का अनुमोदन किया जाएगा।
जवाबदेही बिल पर भी मंथन संभव
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में राइट टू हेल्थ और जवाबदेही बिल लागू कराने को लेकर लगभग 1 महीने से सामाजिक संगठन शहीद स्मारक पर धरना दे रहे हैं। सामाजिक संगठनों की मांग है कि सरकार ने जो बजट में घोषणा की थी। उन घोषणाओं को लागू करे। सिविल सोसाइटी का मानना है कि ये दोनों बिल मौजूदा वक्त में आम आदमी की सबसे बड़ी जरूरत है। सामाजिक कार्यकर्ता निडिल डे के नेतृत्व में राजधानी जयपुर में एक महीने से धरना प्रदर्शन चल रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता जवाबदेही बिल जमीनी धरातल पर उतारने की मांग कर रहे हैं। ताकि आमजन के कामों के प्रति अधिकारियों की जवाबदेही तय हो सके। कैबिनेट और मंत्रिपरिषद की बैठक में सभी मंत्रियों के शामिल होने की संभावना है।