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Child Adoption Process: गोद लेना है बच्चा? भारत में क्या है इसकी प्रक्रिया? इस वेबसाइट पर करना होता है रजिस्ट्रेशन

आज हम आपको उस प्रक्रिया के बारे में बताने वाले हैं जिसके द्वारा आप किसी बच्चे को गोद ले सकते हैं. भारत में बच्चों को गोद लेने के लिए माता-पिता को काफी जटिल प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है.

भारत और पूरी दुनिया में पिछले कुछ सालों में अनाथ बच्चों को गोद लेने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है. कोरोना महामारी शुरू होने के बाद से देश और दुनिया में लाखों लोगों की मौत हो चुकी है. हजारों बच्चे भारत में भी अनाथ हो चुके हैं. गोद लेने से अनाथ बच्चों को माता-पिता का प्यार मिलता है और माता-पिता को बच्चों का साथ. ज्यादातर ऐसे लोग बच्चों को गोद लेना चाहते हैं जो किसी कारण से माता-पिता नहीं बन सकते हैं. ऐसे में बड़ी संख्या में लोग इन बच्चों को गोद लेना चाहते हैं. लेकिन, गोद लेने की प्रक्रिया भारत में काफी जटिल मानी जाती है.

आज हम आपको उस प्रक्रिया के बारे में बताने वाले हैं जिसके द्वारा आप किसी बच्चे को गोद ले सकते हैं. भारत में बच्चों को गोद लेने के लिए माता-पिता को काफी जटिल प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. तो चलिए भारत में गोद लेने की प्रक्रिया के बारे में जानते हैं-

यह लोग भारत में बच्चे को ले सकते हैं गोद-
-भारत में बच्चों को गोद लेने के की प्रक्रिया की निगरानी करने के लिए सरकार द्वारा एक प्राधिकरण का निर्माण किया गया है. इसका नाम है केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (Central Adoption Resource Authority-CARA). यह केंद्र की महिला और बाल देखभाल मंत्रालय की देखरेख में काम करता है.
-भारत में किसी बच्चे को गोद लेने के लिए व्यक्ति को केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण द्वारा बनाए गए नियमों को पूरा करना जरूरी है.

-भारत में भारतीय नागरिक, NRI और विदेशी नागरिक हर कोई बच्चे को गोद ले सकता है लेकिन, तीनों के लिए केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण ने अलग-अलग नियम तय किए हैं.
-इसके साथ ही सिंगल पैरेंट या कपल दोनों ही बच्चे को गोद ले सकते हैं.
-अगर कोई कपल बच्चे को गोद ले रहा है तो उस कपल की शादी हुए 2 साल होने चाहिए.
-गोद लिए हुए बच्चे और माता-पिता की उम्र में कम से कम 25 साल का फर्क होना चाहिए.
-इसके साथ ही माता-पिता को पहले से कोई जानलेवा बीमारी नहीं होनी चाहिए.
-बच्चे गोद लेने के लिए माता-पिता दोनों की मंजूरी जरूरी है.
-अगर कोई महिला किसी बच्चे को गोद लेना चाहती है तो वह लड़का या लड़की में से किसी को भी आसानी से गोद ले सकती हैं.
-वहीं अगर कोई पुरुष बच्चे को गोद लेना चाहता है तो उसे केवल लड़का ही गोद दिया जाता है. वहीं कपल लड़का या लड़की में से किसी को भी गोद ले सकता है.
-माता-पिता की बच्चा गोद लेते समय आर्थिक स्थिति सही होनी चाहिए.

बच्चे को गोद लेने की प्रक्रिया-
-बच्चे को गोद लेने के लिए सबसे पहले माता-पिता को CARINGS www.cara.nic.in पर खुद को रजिस्टर करना होगा. इसके अलावा माता-पिता मान्यता प्राप्त भारतीय प्लेसमेंट एजेंसियां में बच्चे को गोद लेने के लिए एप्लिकेशन डाल सकते हैं.
-ध्यान रखें यह रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया केवल भारत में रहने वाले लोगों के लिए है.
-इसके बाद आप उस एजेंसी का चुनाव कर सकते हैं. जहां से आप बच्चा गोद लेना चाह रहे हैं.
-इसके आईडी पासवर्ड जनरेट होगा.
-इसके बाद आपने मांगे गए सभी डॉक्यूमेंट आपको 30 दिनों के अंदर जमा करने होंगे.
-इसके बाद आपका रजिस्ट्रेशन नंबर जनरेट किया जाएगा, जिसे माता-पिता को दिया जाएगा.
-इसके बाद माता-पिता को उसे दे दिया जाएगा.
-फिर कोर्ट की कागजी प्रक्रिया के बाद ही बच्चे को गोद देने की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी.

बच्चे को गोद लेने के लिए चाहिए यह जरूरी डॉक्यूमेंट-
-माता-पिता का पासपोर्ट साइज फोटो.
-दोनों का बर्थ सर्टिफिकेट.
-एड्रेस प्रूफ के लिए वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस,पासपोर्ट, आधार कार्ड, टेलिफोन बिल आदि जमा कर सकते हैं.
-शादीशुदा कपल के लिए मैरिज सर्टिफिकेट.
-तलाकशुदा के लिए डिवोर्स पेपर्स.
-माता-पिता का हेल्थ सर्टिफिकेट.

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