एल्युमीनियम की कीमत फिर आसमान छू रही है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में इसकी कीमत बुधवार को फिर चढ़ गई। इक्रा ने भी कहा है कि जनवरी की तुलना में मार्च में इसकी कीमत में 18 फीसद की बढ़ोतरी हुई है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। हाजिर बाजार में सकारात्मक रुख के बीच सटोरियों ने ताजा सौदों की लिवाली की जिससे वायदा कारोबार में बुधवार को एल्युमीनियम की कीमत 1.41 प्रतिशत की तेजी के साथ 270.10 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में मार्च डिलीवरी के लिए एल्युमीनियम अनुबंध 3.75 रुपये या 1.41 प्रतिशत बढ़कर 270.10 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया, जिसमें 2,002 लॉट का कारोबार हुआ। बाजार विश्लेषकों ने कहा कि उपभोक्ता उद्योगों की मांग पर व्यापारियों की ताजा लिवाली से वायदा बाजार में एल्युमीनियम कीमतों को समर्थन मिला है।
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बता दें कि रेटिंग एजेंसी इक्रा ने एक रिपोर्ट में बीते हफ्ते कहा था कि वैश्विक एल्युमीनियम की कीमतों में जनवरी के अंत की तुलना में मार्च में अब तक 18% का तेज उछाल आया है, जो रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच बढ़ते तनाव के कारण है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मार्च 2022 के पहले सप्ताह में कीमतें 3875 डॉलर प्रति टन के उच्चतम स्तर को छू गईं और वर्तमान में 3320 डॉलर पर हैं, जो वैश्विक आपूर्ति में गंभीर तंगी का संकेत देती हैं।
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वैश्विक प्राथमिक एल्युमीनियम उद्योग पर एक नोट में इक्रा ने कहा कि दुनिया भर में मांग-आपूर्ति संतुलन और एल्युमीनियम के निचले इन्वेंट्री स्तर को देखते हुए, रूसी एल्यूमीनियम निर्यात पर कोई भी प्रतिबंध दुनिया के बाकी हिस्सों में धातु की उपलब्धता को बढ़ाएगा। लेकिन सामान्य स्थिति बहाल होने तक कीमतें ऊंची बनी रहेंगी। एल्युमीनियम के वैश्विक व्यापार में रूस का योगदान लगभग 12% है, जिसका निर्यात मुख्य रूप से यूरोप की ओर होता है।
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि एल्युमीनियम की कीमतों में वृद्धि में योगदान देने वाला एक अन्य प्रमुख कारक यूरोपीय देशों में बिजली की बढ़ी लागत है। सितंबर 2021 से यूरोप में ऊर्जा विनिमय दरों में लगभग 3 गुना वृद्धि हुई ह। इक्रा नोट में कहा गया है कि ऊर्जा एक्सचेंजों पर मौजूदा बिजली शुल्क पर एक टन एल्युमीनियम का उत्पादन करने के लिए बिजली की लागत मौजूदा एलएमई स्पॉट एल्युमीनियम की कीमतों (LME spot aluminium prices) से भी अधिक है।