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1 एकड़ खेत में काफी कम लगेगा पानी, किसानों की सिंचाई में मदद करेगी यह कंपनी

PM Kisan Samman nidhi की 11वीं किस्‍त जल्‍द आने वाली है। इसे लेकर किसानों में उत्‍साह है। सरकार हर साल 6000 रुपये किसानों के खाते में PM kisan Yojana के तहत देती है। इस बीच Pepsico सिंचाई आसान करने का फॉर्मूला लाई है।

नई दिल्‍ली, बिजनेस डेस्‍क। Pepsico India भारतीय किसानों की मदद करेगी। कंपनी ने गुरुवार को भारत में किसानों को सिंचाई के पानी की उपलब्‍धता बढ़ाने में मदद करने के लिए gravity-powered micro-irrigation system के मैन्‍युफैक्‍चरर्र एन-ड्रिप (N Drip) के साथ साझेदारी की घोषणा की है। यह पेप्सिको और एन-ड्रिप के बीच एक वैश्विक साझेदारी का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य 2025 तक दुनिया भर में 10,000 हेक्टेयर में जल क्षेत्र बढ़ाना है।

पेप्सिको इंडिया ने कहा कि एन-ड्रिप तकनीक पहले ही उत्तर प्रदेश, पंजाब और राजस्थान में 2025 तक देश में हजारों हेक्टेयर में जल स्तर में सुधार के लिए पेश की जा चुकी है। इन राज्यों ने बेहतर फसल पैदावार, कम उर्वरक इस्‍तेमाल और बाढ़ सिंचाई की तुलना में पानी की खपत में औसतन 39 प्रतिशत की कमी के रूप में रिजल्‍ट देना शुरू कर दिया है। 

पेप्सिको इंडिया एग्रो के निदेशक, आपूर्ति श्रृंखला, प्रताप बोस ने कहा कि पायलट परियोजना के लिए शुरुआती फीडबैक काफी उत्साहजनक रहा है। हम पहले से ही उत्तर प्रदेश, पंजाब और राजस्थान जैसे राज्यों में बाढ़ सिंचाई की तुलना में बेहतर फसल पैदावार, कम उर्वरक के इस्‍तेमाल और पानी की खपत में औसतन 39 प्रतिशत की कमी देख रहे हैं। पिछले 30 से ज्‍यादा सालों में पेप्सिको इंडिया बाढ़ सिंचाई तकनीक के विकल्प देकर पानी के उपयोग को कम करने के लिए काम कर रही है। एन-ड्रिप के साथ सहयोग उस दिशा में एक और कदम है।

एन-ड्रिप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एरन पोलाक ने कहा कि पेप्सिको के साथ साझेदारी का उद्देश्य भारत में किसानों के लिए एन-ड्रिप तकनीक तक पहुंच, शुरुआत और कार्यान्वयन में आने वाली दिक्‍कतों को दूर करना है। चूंकि पेप्सिको खेतों से फसल लेती है, एन-ड्रिप की तकनीक किसानों के लिए सिंचाई आसान बनाने की सहूलियत देती है। ये किसान बड़े खेतों वाले से लेकर एक एकड़ के भूखंड वाले किसानों तक हो सकते हैं।

पोलाक ने कहा कि बीते दो साल में उत्तर प्रदेश, पंजाब और राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों में एन-ड्रिप सिस्‍टम का इस्‍तेमाल कर रहे स्थानीय किसानों के अनुभव हमें मिले हैं। उस आधार पर कंपनी इसे और बेहतर कर रही है।

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