संयुक्त राज्य अमेरिका कनाडा और ऑस्ट्रेलिया रूसी कच्चे तेल के आयात पर प्रतिबंध लगा चुके है लेकिन भारत चीन और यूरोपीय देशों सहित कई देश अभी भी रूसी कच्चा तेल खरीद रहे हैं। भारत को तो रूस 25 फीसदी के डिस्काउंट पर भी तेल ऑफर कर रहा है।
नई दिल्ली, रॉयटर्स/बिजनेस डेस्क। यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद रूस को तमाम प्रतिबंधों का सामना कर पड़ा रहा है। संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया रूसी कच्चे तेल के आयात पर भी प्रतिबंध लगा चुके है। हालांकि, यूरोप में रूसी गैस की सप्लाई स्थिर है। सिर्फ इतना ही नहीं, दुनिया के तमाम देश अभी भी रूस से तेल खरीद रहे हैं। दरअसल, रूस कच्चे तेल के सबसे बड़े निर्यातकों में से एक है। तो चलिए, जानते हैं कि अभी रूस से कौन-कौन से देश तेल खरीद रहे हैं।
कौन-कौन से देश रूस से तेल खरीद रहे हैं?
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बुल्गारिया, चीन, यूरोपीय संघ (27 देश), फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, भारत, इटली, हंगेरियन, नीदरलैंड, पोलैंड और तुर्की अभी भी तेल खरीद रहे हैं। यूरोपीय संघ तो रूसी तेल पर बहुत ज्यादा निर्भर है। इसीलिए, उसकी मजबूरी भी है कि वह तुरंत रूसी तेल का आयात बंद नहीं कर सकता है। 27 सदस्यीय यूरोपीय संघ 40 प्रतिशत गैस और 27 प्रतिशत कच्चे तेल के आयात के लिए रूस पर निर्भर है। हालांकि, वह इसे कम करने की दिशा में काम कर रहे हैं लेकिन इसमें अभी समय लग सकता है।
वहीं, यूरोपीय संघ के बाद चीन दूसरा सबसे बड़ा रूसी तेल आयातक है। अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के अनुसार, समुद्री शिपमेंट भी बढ़ सकता है. तेल उत्पादन पर नज़र रखने वाले पेट्रो-लॉजिस्टिक्स के अनुसार, चीन में अधिक रूसी कच्चे तेल जा रहा है। इधर भारत भी तेल खरीद रहा है। व्यापारिक सूत्रों के अनुसार, हिंदुस्तान पेट्रोलियम ने मई लोडिंग के लिए 2 मिलियन बैरल रूसी यूराल खरीदा है। इसके अलावा, इंडियन ऑयल ने मई डिलीवरी के लिए 30 लाख बैरल यूराल खरीदा है।
रूस से 25 प्रतिशत सस्ता क्रूड खरीद रहा भारत
रूस ने दूसरे देशों के मुकाबले भारत को तकरीबन 25 फीसद सस्ता क्रूड देना शुरू कर दिया है। ऐसे में इस वर्ष भारत ज्यादा मात्रा में रूसी तेल खरीदने की स्थिति में है। हालांकि, फिलहाल भारत देश की कुल जरूरत का सिर्फ एक फीसद ही रूस से खरीदा जाता है। वहीं, वर्ष 2021 में अमेरिका से अपनी कुल जरूरत का 7.3 फीसद क्रूड खरीदा था, जो इस साल 2022 में बढ़ कर कुल जरूरत का 11 फीसद होने वाला है।