SBI signs pact with Housing Finance Companies: देश में अफोर्डेबल हाउसिंग की कमी चिंता की बड़ी वजह बनी हुई है. खास तौर से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) और समाज के इनफॉर्मल सेक्शन को लोन मिलने में दिक्कत होती है.
SBI signs pact with Housing Finance Companies: रोटी और कपड़ा के साथ आम लोगों का सपना अपने घर का भी होता है. लेकिन कई बार होम लोन में दिक्कतों और दूसरी वजहों से घर खरीदना मुश्किल हो जाता है. इसे लेकर देश के सबसे बड़े ऋणदाता (lender), भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने 5 हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (HFC) के साथ एक सह-ऋण समझौता (co-Lending agreement) किया है.
जिसमें PNB हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड, IIFL होम फाइनेंस लिमिटेड, श्रीराम हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड, एडलवाइस हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड शामिल और कैपरी ग्लोबल हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड शामिल है. आरबीआई की गाइडलाइंस के मुताबिक, अनर्सवड (unserved) अंडरसर्वड (underserved) सेक्टर को इससे होम होम लोन की मंजूरी मिलने में आसानी होगी.
यह भी पढ़ें:– अब इस बड़े सरकारी बैंक ने किया FD पर ब्याज दर बढ़ाने का ऐलान, जानिए नए रेट
स्टेट बैंक की पहल
देश में अफोर्डेबल हाउसिंग की कमी चिंता की बड़ी वजह बनी हुई है. खास तौर से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) और समाज के इनफॉर्मल सेक्शन को लोन मिलने में दिक्कत होती है. इस सेगमेंट मे बेहतर पैठ बनाने के लिए एसबीआई सक्रिय रूप से कई एचएफसी के साथ कोशिश कर रही है.
इस पार्टनरशिप पर बोलते हुए एसबीआई के चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा कि “हमें सह-उधार कार्यक्रम (co-lending program) के तहत एचएफसी के साथ साझेदारी करते हुए खुशी हो रही है. यह सहयोग हमारे डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क को बढ़ाएगा. हमारा लक्ष्य unserved और underserved वाले सेक्टर के ज्यादा होम लोन उधारकर्ताओं तक अपनी क्रेडिट पहुंच का विस्तार करना है. इस तरह की साझेदारी भारत में छोटे घर खरीदारों को प्रभावी और किफायती ऋण देने की हमारी प्रतिबद्धता के अनुरूप है. वहीं यह “2024 तक सभी के लिए घर” के विजन में योगदान करती है.
यह भी पढ़ें:– Digital Skills वाले एंप्लाइज के लिए अच्छी खबर, एक साल में ऐसे कर्मचारियों की संख्या 2.73 करोड़ बढ़ेगी- रिपोर्ट
आरबीआई ने जारी किए थे दिशानिर्देश
आरबीआई ने बैंकों और एचएफसी/एनबीएफसी के लिए प्रायोरिटी सेक्टर को उधार देने के लिए सह-उधार योजना (co-lending scheme) पर दिशा-निर्देश जारी किए थे. जिससे अर्थव्यवस्था के unserved और underserved सेवा वाले क्षेत्रों में लोन के फ्लो में सुधार किया जा सके, वहीं लोगों को सस्ती कीमत पर धन मुहैया कराया जा सके. को-लेंडिंग स्कीम मॉडल का उद्देश्य उधारकर्ता को सर्वोत्तम ब्याज दर और बेहतर पहुंच प्रदान करना है.
ये रहे मौजूद
मुंबई में साइन की गई पार्टनरशिप को एसबीआई के चेयरमैन दिनेश खारा ने इन 5 HFCs के प्रमुख को सौंप. इस मौके पर एसबीआई के मैनेजिंग डायरेक्टर चल्ला श्रीनिवासुलु शेट्टी, डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर सलोनी नारायण(आरबी), एसबीआई और एसबीआई के सीजीएम (आरई) महेश गोयल मौजूद थे.