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हेल्थ

आंखों के इन 4 वार्निंग साइन को बिलकुल न करें इग्नोर, कहीं ये डायबिटीज का इशारा तो नहीं?

डायबिटीज (Diabetes) का कहर भारत ही नहीं दुनियाभर में फैला हुआ है, अगर एक बार ये बीमारी किसी को हो जाए तो जिंदगीभर पीछा नहीं छोड़ती. इसके मरीजों को हमेशा ब्लड शुगर लेवल मेंटेन रखना पड़ता है. अगर आपके शरीर में कुछ खास बदलाव होने लगे तो समझ जाएं कि ये मधुमेह का इशारा है.

  • आखों से मिलेंगे मधुमेह के संकेत
  • 4 वॉर्निंग साइन को न करें इग्नोर
  • वरना सेहत को होगा नुकसान

नई दिल्ली: डायबिटीज (Diabetes) का कहर भारत ही नहीं दुनियाभर में फैला हुआ है, अगर एक बार ये बीमारी किसी को हो जाए तो जिंदगीभर पीछा नहीं छोड़ती. इसके मरीजों को हमेशा ब्लड शुगर लेवल मेंटेन रखना पड़ता है. अगर आपके शरीर में कुछ खास बदलाव होने लगे तो समझ जाएं कि ये मधुमेह का इशारा है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबित डायबिटीज के वॉर्निंग साइन आंखों के जरिए भी मिल सकते है, इसलिए इन संकेतों को बिलकुल इग्नोर न करें.

आखों के 4 साइन करते हैं डायबिटीज का इशारा

1. मोतियाबिंद

किसी भी इंसान को डायबिटीज (Diabetes) होने से पहले मोतियाबिंद (Cataract) की परेशानी हो सकती है, इसका मतलब है कि इस इशारे को बिलकुल नजरअंदाज न करें और फौरन ब्लड शुगर टेस्ट कराएं, वक्त पर बीमारी का पता चलने से कई खतरों को टाला जा सकता है.

2. ग्लूकोमा

ऐसी परेशानी तब होती है जब आंखों से तरल पदार्थ बाहर नहीं आ पाता, इन हालात में आंखों पर काफी प्रेशर पड़ता है और वहां के ब्लड सेल्स और नसों को काफी नुकसान होता है. पीड़ित व्यक्ति को काफी दिक्कतें आती है. मधुमेह के मरीजों को ग्लूकोमा (Glaucoma) का भी खतरा रहा है. जिसमें आंखों में दर्द धुंधलापन, सिरदर्द जैसी परेशानियां पेश आती हैं.

3. आंखों का धुंधलापन

अगर आप अपनी आंखों से साफ तौर से नहीं देख पा रहे हैं और सामने धुंधलापन (Blurr Vision) नजर आ रहा है तो ये डायबिटीज का इशारा हो सकता है, ऐसे में तुरंत जांच कराना जरूरी है. बल्ड शुगर लेवल को कंट्रोल करने से इस परेशानी को दूर भगाया जा सकता है हालांकि आंखों की रोशनी पूरी तरह ठीक होने में कुछ महीनों का वक्त लग सकता है.

4. डायबिटिक रेटिनोपैथी

डायबिटिक रेटिनोपैथी (Diabetic Retinopathy) एक ऐसी परेशानी है जो ब्लड शुगर से परेशानी शख्स की रेटिना पर बुरा असर डालती है. ये रेटिना तक खून पहुंचाने वाली नसों के क्षतिग्रस्त होने से होता है. अगर वक्त पर इसका इलाज नहीं कराया गया तो पीड़ित व्यक्ति की आंखों की रोशनी जा सकती है.

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