All for Joomla All for Webmasters
दुनिया

अमेरिका ने भारत को दी धमकी, कहा-रूस का छोड़ें साथ, नहीं तो चुकानी पड़ेगी भारी कीमत

रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग (Russia Ukraine War) में भारत (India) शांति के लिए लगातार प्रयास कर रहा है. ऐसे में अमेरिका (America) को भारत की यह बात रास नहीं आ रही है. अमेरिकी राष्ट्रपति (US President) के शीर्ष आर्थिक सलाहकार ब्रायन डीज का कहना है कि हमले पर भारत के रिएक्शन से निराशा हुई है. 

वॉशिंगटनः रूस और यूक्रेन के बीच जंग (Russia Ukraine War) जारी है. ऐसे में भारत शांति के लिए किए जा रहे प्रयासों में अहम भूमिका निभाने की कोशिश कर रहा है. भारत का यह रुख अमेरिका को रास नहीं आ रहा है. ऐसे में व्हाइट हाउस नेशनल इकोनॉमिक काउंसिल के निदेशक ब्रायन डीज (Brian Dees) ने भारत को रूस के साथ गठबंधन करने को लेकर चेतावनी दी है. डीज ने कहा है कि मॉस्को (Moscow) के साथ गठबंधन से भारत को भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है.   

यह भी पढ़ेंपाकिस्तान में मचे राजनीतिक उथल-पुथल का भारत से लेकर अमेरिका तक क्या होगा असर?

भारत ने नहीं लगाया प्रतिबंध

राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) के शीर्ष आर्थिक सलाहकार ने कहा कि यूक्रेन पर हमले (Attack on Ukraine) के बाद नई दिल्ली (New Delhi) के रिएक्शन से अमेरिका को निराशा हुई है. हम चीन और भारत दोनों के फैसलों से निराश हुए हैं. जहां अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया (Australia) और जापान (Japan) ने यूक्रेन के खिलाफ युद्ध के जवाब में रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए. वहीं, भारत ने मना कर दिया और रूस से तेल के आयात को जारी रखा.

अमेरिका के साथ संबंध होंगे जटिल

उन्होंने कहा कि हमले पर नई दिल्ली की प्रतिक्रिया वॉशिंगटन (Washington) के साथ उसके संबंधों को जटिल बना रही है. बता दें कि डीज की यह टिप्पणी उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलीप सिंह द्वारा पिछले सप्ताह अधिकारियों के साथ बैठक के लिए भारत आने के बाद आई है.

यह भी पढ़ेंRussia Ukraine War: कीव के पास होस्टोमेल में रूसी अत्याचार के बर्बर सबूत…400 लोग अभी भी लापता

भारत के साथ सहयोग जारी

इस सप्ताह की शुरुआत में प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा कि इस यात्रा के दौरान दलीप ने अपने समकक्षों को यह स्पष्ट कर दिया था कि हम रूसी ऊर्जा और अन्य वस्तुओं के आयात में तेजी लाने या बढ़ाने के लिए भारत के हित में नहीं मानते हैं. हालांकि, ये भी कहा गया कि अमेरिका और बाकी 7 देशों के समूह भारत के साथ सहयोग करना जारी रखेंगे. भारत और अमेरिका खाद्य सुरक्षा और वैश्विक ऊर्जा पर व्यापक सहयोग करते हैं. बता दें कि भारत, रूस के तेल (Russia Oil) और हथियारों का दुनिया का सबसे बड़ा खरीदार है. 

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top