एंडोमेंट और मनी बैक दोनों ही बीमा के पारंपरिक प्लान हैं ये बचत और बीमा दोनों का मिश्रण होते हैं.
ऐसे प्लान जो लाइफ कवरेज और साथ ही सेविंग्स दोनों का फायदा दे, इस तरह के प्लान हमेशा ही बीमा ग्राहकों द्वारा पसंद किए जाते हैं. पर कई सारे इंश्योरेंस प्लान में से सही प्लान सिलेक्ट करना ग्राहकों के लिए एक चिंता का विषय हो सकता है. एंडोमेंट और मनी बैक भी ऐसे ही प्लान हैं. हालांकि दोनों ही प्लान में कई सारी समानताओं के साथ-साथ कुछ अंतर भी है. व्यक्ति अपने पसंद के आधार पर दोनों में से कोई भी सिलेक्ट कर सकते हैं, लेकिन इसके पहले दोनों के बीच फर्क आपको पता होना जरूरी है.
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क्या हैं एंडोमेंट प्लान
एंडोमेंट प्लान लाइफ इंश्योरेंस प्लान ही होते हैं. लेकिन यहां लाइफ कवरेज के साथ-साथ बीमाधारक को एक तय समय के बाद नियमित बचत का ऑप्शन भी देते हैं. जब बीमाधारक एक निश्चित समय तक एंडोमेंट प्लान में निवेश करते हैं तो उसके बाद बीमाधारक को लम्पसम अमाउंट रिटर्न की तरह दिया जाता है. मैच्योरिटी के बाद मिलने वाली इस रकम का उपयोग बीमा धारक अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए कर सकता है. लेकिन अगर अवधि के दौरान ही बीमाधारक की मृत्यु हो जाती है, तो उसके नॉमिनी को समअश्योर्ड राशि दे दी जाती है. इसलिए ऐसा लाइफ इंश्योरेंस जहां सेविंग के ऑप्शन के साथ लम्पसम मैच्योरिटी बेनिफिट शामिल होता है उसे एंडोमेंट पॉलिसी कहा जाता है.
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एंडोमेंट और मनी बेक प्लान में अंतर
इन दोनों ही स्कीम में जो खास अंतर है वो है सर्वाइवल बेनेफिट्स का. सर्वाइवल बेनिफिट वह पैसा होता है जो policy खरीदने से मैच्योर होने के बीच मिलता है. एंडोमेंट प्लान में ग्राहक को सर्वाइवल बेनिफिट पॉलिसी की अवधि पूरी होने के बाद ही मिलता है. जिसे पॉलिसी की मैच्योरिटी कहते हैं. यह पैसा पॉलिसी की मैच्योरिटी पर सम एश्योर्ड, और बोनस को जोड़ कर दिया जाता है. लेकिन अगर मनी बैक पॉलिसी की बात करें तो यहां सर्वाइवल बेनिफिट एक तय समय के बाद दिया जाता रहता है. जैसे कि हर 5 साल में कंपनी पैसा वापस कर देती है.