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उत्तराखंड

Uttarakhand: हरीश रावत अभी नहीं लेंगे राजनीति से संन्यास! अब ये होगा नया टारगेट

Harish Rawat News: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस के दिग्‍गज नेता हरीश रावत ने कहा है कि अब कांग्रेस के लिए 2027 विधानसभा चुनाव के लिए मेहनत करनी है और वो ये काम करेंगे. इससे साफ है कि वह फिलहाल राजनीति से संन्‍यास लेने वाले नहीं हैं.

देहरादून. उत्तराखंड कांग्रेस के सबसे सीनियर नेता हरीश रावत के लिए 2022 का चुनाव किसी बुरे सपने से कम नहीं रहा. इस दौरान न पार्टी चुनाव जीती और न उनके फिर से मुख्यमंत्री बनने का सपना पूरा हुआ. उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के दौरान सबसे बड़ा झटका ये रहा कि वह खुद लालकुआं सीट से चुनाव हार गए. वहीं, ऐसे में लग रहा था कि अब हरीश रावत शायद संन्यास ले लें, लेकिन वह फिलहाल ऐसे किसी मूड में नजर नहीं आ रहे हैं.

वहीं,हरीश रावत का कहना है कि अब कांग्रेस के लिए 2027 विधानसभा चुनाव के लिए मेहनत करनी है और वो ये काम करेंगे. साफ है कि 73 साल के हरीश रावत ने अपना अगला टारगेट तय कर लिया है और 2027 चुनाव तक एक्टिव नजर आएंगे. हालांकि तब उनकी उम्र करीब 78 साल हो चुकी होगी.

लगातार हरीश रावत को मिल रही हार
बता दें कि पूर्व सीएम हरीश रावत साल 2017 के बाद से कोई चुनाव नहीं जीते हैं. ऐसे में वह साल 2027 तक कैसे कांग्रेस में जोश भरे रख पाएंगे, ये बड़ा सवाल है.

2017 के बाद कब-कहां हारे चुनाव ?
साल 2017 के विधानसभा चुनाव में हरीश रावत ने मुख्यमंत्री रहते हुए 2 सीटों से चुनाव लड़ा था. इस दौरान वह हरिद्वार ग्रामीण और किच्छा दोनों सीटों से चुनाव हार गए. इसके बाद हरीश रावत ने नैनीताल-ऊधमसिंह नगर सीट से 2019 में लोकसभा का चुनाव लड़ा, तो एक बार फिर उनको हार मिली. यही नहीं, लोकसभा चुनाव में उनके नेतृत्‍व में उत्तराखंड की सभी 5 लोकसभा सीटों में सबसे बड़ी हार हरीश रावत को ही मिली. बीजेपी नेता अजय भट्ट ने उनको करीब साढ़े 3 लाख वोट के अंतर से हराया था.

यही नहीं, 2022 के विधानसभा चुनाव में हरीश रावत का टिकट पहले रामनगर सीट से तय हुआ, लेकिन बाद में सीट बदलकर लालकुआं कर दी गई. इस सीट पर उनको बीजेपी के मोहन बिष्ट ने करीब 17 हजार वोट के अंतर से हराया.

बहरहाल, ऐसे में कांग्रेस के दिग्‍गज नेता हरीश रावत के लिए उम्र को देखते हुए 2027 तक पार्टी में जोश भरने के साथ खुद को एक और चुनाव के लिए तैयार रखने का काम आसान नहीं दिखता है. यही नहीं, उनको लेकर राज्‍य में कई नेता भी बयानबाजी करते रहते हैं.

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