विभिन्न स्टार्टअप्स फास्टैग के देशभर में मौजूद मजबूत इन्फ्रास्ट्रचर का फायदा उठाने की कोशिशों में लगी हुई हैं. खासकर पेट्रोल पंप, सिनेमा, पार्किंग जैसे कर्मिशियल सेंटर्स पर पेमेंट के लिए. इससे वाहन चालकों को इन जगहों पर पेमेंट की बड़ी सुविधा मिलेगी.
नई दिल्ली. फास्टैग (FASTags) का इस्तेमाल अभी हाइवे और एक्सप्रेस-वे पर टोल कलेक्शन के लिए किया जाता है. आने वाले समय में इसके जरिए वाहन चालक न सिर्फ पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल-डीजल भरवा सकेंगे, बल्कि पार्किंग और ट्रैफिक फाइन का भी भुगतान कर सकेंगे.
विभिन्न स्टार्टअप्स फास्टैग के देशभर में मौजूद मजबूत इन्फ्रास्ट्रचर का फायदा उठाने की कोशिशों में लगी हुई हैं. खासकर पेट्रोल पंप, सिनेमा, पार्किंग जैसे कर्मिशियल सेंटर्स पर पेमेंट के लिए. इससे वाहन चालकों को इन जगहों पर पेमेंट की बड़ी सुविधा मिलेगी.
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फ्यूल पेमेंट का चल रहा पायलट प्रोजेक्ट
गोवा की स्टार्टअप नुमेडिक इस समय हिंदुस्तान पेट्रोलियम और इंडियन ऑयल के पेट्रोल पंपों पर फास्टैग के जरिये फ्यूल पेमेंट का पायलट प्रोजेक्ट चला रही है. इसका ग्राहकों की ओर से बेहतर रिस्पॉन्स मिल रहा है. नुमेडिक के फाउंडर और सीईओ ल्युक सिक्वेरा ने मिंट को बताया कि हमारी योजना पेट्रोल पंपों, तेल कंपनियों और बैंकों की संख्या बढ़ाने की है. इसका वास्तविक कार्यान्वयन तब होगा जब हम इस कॉन्सेप्ट को साबित करने के लिए पूरे देश में इसका विस्तार करेंगे. सिक्वेरा ने बताया कि कंपनी इसके जरिये ड्राइव इन सिनेमा और ट्रैफिक फाइन के भुगतान की भी संभावना तलाश रही है.
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पार्किंग का भी कर सकेंगे पेमेंट
गुरुग्राम के स्टार्टअप पार्क प्लस के फाउंडर और सीईओ अमित लखोटिया का कहना है कि इसके जरिये होने वाले भुगतान होने से पार्किंग में न सिर्फ लंबी-लंबी लाइनों बल्कि पार्किंग की रसीद लेने से भी छुटकारा मिलेगा. यह स्टार्टअप अभी दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, कोयंबटूर, देहरादून और बड़ोदरा के 15 मॉलों में फास्टैग के जरिये पेमेंट ले रही है. पार्क प्लस की योजना इस साल इसे बढ़ाकर 40 मॉल और 1,500 सरकारी पार्किंग स्थल करने की है. पार्क प्लस भी नुमेडिक की तरह दिल्ली-एनसीआर में फ्यूल पेमेंट के लिए पायलट प्रोजेक्ट चला रही है.
नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने टोल कलेक्शन के लिए फास्टैग बनाया है. इसमें रेडियो फ्रीक्वेंस आइडेंटिफिकेशन चिप लगी होती है. फास्टैग स्टीकर को गाड़ियों के सामने वाले शीशे पर लगाया जाता है. टोल प्लाजा या फ्यूल आउटलेट के नजदीक पहुंचते ही चिप एक्टिवेट हो जाता है और ऑटोमेटिक पेमेंट हो जाता है.