बीजेपी नेता ने कहा, ” जेडीयू नेता क्या कह रहे, इससे हमें क्या मतलब है. मुख्यमंत्री एनडीए के हैं और हम उनसे कहेंगे कि वो इस पर विचार करें. मुख्यमंत्री तो खुद ही राज्यहित के मुद्दे पर विचार करते हैं.”
पटना: बिहार में कई मुद्दे ऐसे हैं, जिस पर गठबंधन का हिस्सा होने के बावजूद बीजेपी-जेडीयू (BJP-JDU) के नेता अक्सर आमने-सामने दिखते हैं. जातीय जनगणना (Caste Based Census) का मुद्दा हो या विशेष राज्य (Special Status for Bihar) के दर्जे की, दोनों पार्टियों के नेता अलग-अलग राय रखते दिखते हैं. इसी क्रम में बिहार में कॉमन सिविल कोड लागू करने को लेकर फिर से दोनों पार्टियों के नेता आमने सामने हैं. जेडीयू ने जहां इस तरह के किसी कानून को राज्य में लागू करने की बात को सिरे से नकार दिया है. वहीं, बीजेपी नेता इस कानून को लागू करने को लेकर समर्थन में दिख रहे हैं.
लोगों को बांटने की जरूरत नहीं
इस संबंध में एबीपी से बात करते हुए मंत्री जीवेश मिश्रा (Jivesh Mishra) ने कहा, ” देश के संविधान ने सभी को एक समान अधिकार दिया है. संविधान के पहले ही पन्ने पर ही ये लिखा है कि सभी एक हैं. तो सभी को एक ही रहने देते हैं. जाति और कौम के आधार पर लोगों को बांटने की जरूरत नहीं है. ये संविधान का अपमान है. ऐसे में सभी के लिए एक कानून हो जाए ये उत्तम बात है. बिहार ही क्या देश भर में इस कानून को लागू कर देना चाहिए.”
बीजेपी नेता ने कहा, ” जेडीयू नेता क्या कह रहे, इससे हमें क्या मतलब है. मुख्यमंत्री एनडीए के हैं और हम उनसे कहेंगे कि वो इस पर विचार करें. मुख्यमंत्री तो खुद ही राज्यहित के मुद्दे पर विचार करते हैं. उपेंद्र जी की बातें वो ही जानें. लेकिन राज्यहित के फैसले मुख्यमंत्री खुद आगे बढ़कर लेंगे. ये हमें विश्वास है.” वहीं, जेडीयू की ओर से विशेष राज्य के दर्जे की मांग के संबंध में उन्होंने कहा कि हमने राज्य को बीते 17 साल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के नेतृत्व में विशेष बनाया है. आगे भी हम काम करेंगे. हम याचक के रोल में नहीं रहना चाहते. हम राज्य को खुद काम करके विकसित राज्य की श्रेणी में लाएंगे.
विपक्ष भी इस ओर करे विचार
वहीं, राजस्व मंत्री राम सूरत राय (Ram Surat Rai) ने कहा कि अमित शाह (Amit Shah) ने जो कहा वो नियम पूरे देश के लिए है. जहां भी बीजेपी की सरकार वहां ये नियम लागू हो. वहीं, विपक्ष से भी मेरी अपील है कि वो इस संबंध में विचार करें. ऐसा इसलिए क्योंकि देश और राज्य कानून से चलता है. ये पॉलिसी देशहित में बनी है, इसलिए उसे पूरे देश में लागू करना चाहिए. हम मुख्यमंत्री से भी अपील करेंगे, वो इसे लागू करें.
जेडीयू के विरोध के संबंध कहा कि सभी के अपने विचार हैं. हाथ में पांच उंगलियां हैं. पांचों एक जैसी तो नहीं हैं. ये लोकतंत्र की खूबसूरती है. सभी अपना विचार रखने के लिए स्वतंत्र हैं. इसलिए कौन क्या कहता है इस पर बहुत ज्यादा फोकस नहीं करना है. सीबीएसई द्वारा सिलेबस में किए गए बदलाव को बिहार में भी लागू करने के संबंध में कहा कि इस संबंध में फैसले लेने को शिक्षा मंत्री अधिकृत हैं. वो सक्षम हैं इस ओर फैसला लेने के लिए.