EPF Withdrawal: महामारी कोरोना के चलते कई लोगों ने अपनी बरसों से जमा पूंजी को भी खर्च में लगा दिया. खासकर नौकरीपेशा पर इसका सबसे ज्यादा असर हुआ.
EPF Withdrawal: नौकरीपेशा का बुढ़ापे में सबसे ज्यादा साथ प्रोविडेंट फंड (Provident Fund) देता है. ये एक रिटारमेंट बेनिफिट है. EPFO के मुताबिक, लोगों ने कोरोनाकाल में सबसे ज्यादा फंड निकाला. साल 2021 में 71 लाख से ज्यादा लोगों ने अपने EPF खाता को बंद कर दिया. लेकिन, EPF अकाउंट से विड्रॉल कितना सही है? EPF रिटायरमेंट सेविंग फंड (Retirement saving fund) है. समय से पहले इसकी निकासी से काफी बड़ा नुकसान हो सकता है. आइये समझते हैं कैसे.
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एक बार विड्रॉल से कितना नुकसान?
EPFO के रिटायर्ड असिस्टेंट कमिश्नर ए.के. शुक्ला के मुताबिक, मान लीजिए आपके रिटायरमेंट में 30 साल बचे हैं और आपने EPF अकाउंट से 1 लाख रुपए का विड्रॉल (EPF Withdrawal) किया तो इस एक बार के विड्रॉल से आपका रिटायरमेंट फंड 11.55 लाख रुपए कम हो जाएगा.
EPF विड्रॉल | 20 साल बाद कितना नुकसान | 30 साल बाद कितना नुकसान |
50 हजार रुपए | 2 लाख 5 हजार रुपए | 5 लाख 27 हजार रुपए |
1 लाख रुपए | 5 लाख 11 हजार रुपए | 11 लाख 55 हजार रुपए |
2 लाख रुपए | 10 लाख 22 हजार रुपए | 23 लाख 11 हजार रुपए |
3 लाख रुपए | 15 लाख 33 हजार रुपए | 34 लाख 67 हजार रुपए |
नोट: टेबल में ब्याज की गणना सालाना आधार (8.5% ब्याज दर) पर की गई है.
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इमरजेंसी नहीं है तो न करें विड्रॉल
EPFO के नियमों के मुताबिक 58 की उम्र में जब आप रिटायर होंगे, तो ये पैसा काम आएगा. अगर आपके साथ कोई इमरजेंसी नहीं है तो प्रोविडेंट फंड (Retirement Fund) का पैसा नहीं निकालने चाहिए. पिछले वित्त वर्ष के लिए EPF पर 8.1 फीसदी का ब्याज दिया जा रहा है. सभी छोटी बचत योजनाओं में ये सबसे ज्यादा ब्याज है. इसलिए आपके अकाउंट में जितना ज्यादा पैसा होगा, उतना ज्यादा ब्याज का फायदा होगा. अगर EPF अकाउंट से विड्रॉल होगा तो रिटायरमेंट फंड पर उतना असर पड़ेगा.
12% कटता है Provident Fund?
EPFO के मुताबिक, नौकरीपेशा की हर महीने की बेसिक सैलरी से वेतन और महंगाई भत्ते (Basic Salary+DA) को मिलाकर 12 फीसदी रकम PF अकाउंट में जमा होती है. एम्प्लॉयर की तरफ से भी कंट्रीब्यूशन होता है. PF अकाउंट में दो तरह से फायदा मिलता है. पहला EPF का हिस्सा और दूसरा पेंशन (EPS) का हिस्सा. पेंशन में एम्प्लॉयर के कंट्रीब्यूशन का 8.33 फीसदी जमा होता है. वहीं, 3.67 फीसदी प्रोविडेंट फंड में जमा होता है. पूरे पैसे पर कम्पाउंडिंग के आधार पर ब्याज मिलता है यानि हर साल ब्याज पर ब्याज का भी फायदा मिलता है.