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इस बड़े प्राइवेट बैंक का लोन हुआ महंगा, RBI के फैसले के 2 हफ्ते बाद बढ़ाया एमसीएलआर

बैंक ने अपने एमसीएलआर (मार्जिनल कॉस्ट लेंडिग रेट) में 35 बेसिस पॉइंट की वृद्धि की है. नई दरें 18 मई से प्रभावी हो गई हैं. 35 बेसिस पॉइंट वृद्धि का मतलब है कि बैंक से मिलने वाले ऑटो, होम, पर्सनल सहित सभी तरह के लोन की ब्याज दर में 0.35% वृद्धि कर दी गई है.

नई दिल्ली. निजी क्षेत्र के तीसरे सबसे बड़े बैंक एक्सिस बैंक ने भी आखिरकार लोन महंगा करने की घोषणा कर दी. बैंक ने अपने एमसीएलआर (मार्जिनल कॉस्ट लेंडिग रेट) में 35 बेसिस पॉइंट की वृद्धि की है. नई दरें 18 मई से प्रभावी हो गई हैं. इससे बैंक से लिए जाने वाले सभी तरह के कर्ज महंगे हो गए हैं.

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रिजर्व बैंक ने इसी महीने की 4 तारीख को रेपो रेट में 40 बेसिस प्वाइंट और सीआरआर (नकद आरक्षित अनुपात) में 50 बेसिस प्वाइंट की वृद्धि करने की अचानक घोषणा की थी. इसके बाद छोटे-बड़े लगभग तमाम बैंकों ने कर्ज की ब्याज दर बढ़ाने की घोषणा की थी. बड़े बैंकों में एक्सिस बैंक ही ऐसा था जिसने अब तक इसकी घोषणा नहीं की थी. दो हफ्ते बाद बैंक ने नोटिफिकेशन जारी कर इसकी घोषणा कर दी.

ब्याज दर में 35 फीसदी की वृद्धि
एमसीएलआर में 35 बेसिस पॉइंट वृद्धि का मतलब है कि बैंक से मिलने वाले ऑटो, होम, पर्सनल सहित सभी तरह के लोन की ब्याज दर में 0.35% वृद्धि कर दी गई है. इस वृद्धि के बाद नए ग्राहकों को तो लोन महंगा मिलेगा ही, मौजूदा ग्राहकों को भी अब पहले से ज्यादा ईएमआई देनी होगी.

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इस बढ़ोतरी के बाद 1 रात से लेकर 1 महीने तक की एमसीएलआर 7.55 फीसदी हो गई है. पहले यह 7.2 फीसदी थी. जबकि 3 महीने का एमसीएलआर 7.3 फीसदी से बढ़कर 7.65 फीसदी हो गया है. 6 महीने का एमसीएलआर अब 7.7 फीसदी और 1 साल का एमसीएलआर नई बढ़ोतरी के बाद 7.75 फीसदी हो गया है. 2 साल का एमसीएलआर 7.5 फीसदी से बढ़कर 7.85 फीसदी और 3 साल का एमसीएलआर 7.55 फीसदी से 7.9 फीसदी हो गया है.

क्या है एमसीएलआर
रिजर्व बैंक ने 2016 से कर्ज देने के नियम में बदलाव कर दिया है. अब कमर्शियल बैंक बेस रेट के बदले मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड लेंडिंग रेट (एमसीएलआर) पर कर्ज देते हैं. एमसीएलआर को निर्धारित करने के लिए मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड बहुत मायने रखता है. रेपो रेट में बदलाव होने पर इस फंड में तब्दीली आ जाती है.

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