28 अप्रैल को इंडोनेशिया ने देश में बढ़ती कीमतों को रोकने के लिए कच्चे पाम ऑयल और इसके कुछ डेरिवेटिव प्रोडक्ट के एक्सपोर्ट पर बैन (Palm Oil Ban) लगा दिया था. इंडोनेशिया पाम ऑयल (Palm Oil) का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक है.
नई दिल्ली. देश में पाम ऑयल सहित अन्य खाद्य तेलों की कीमतों में कमी हो सकती है. ऐसा होगा इंडोनेशिया द्वारा पाम ऑयल के निर्यात पर बैन हटाने से. इंडोनेशिया ने 23 मई से पाम ऑयल निर्यात बैन समाप्त करने का फैसला लिया है. इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने गुरुवार को इसका ऐलान किया. यह फैसला इंडोनेशियाई सांसदों द्वारा निर्यात बैन पर सरकार से समीक्षा करने की अपील के बाद किया गया है.
ये भी पढ़ें– Cheque Bounce Rules: फटाफट होगा चेक बाउंस मामलों का निपटारा, सुप्रीम कोर्ट ने दिया स्पेशल कोर्ट बनाने का आदेश
मनीकंट्रोल डॉट कॉम की एक रिपोर्ट में समाचार एजेंसी रॉयटर के हवाले से कहा गया है कि सांसदों ने सरकार से अपील करते हुए कहा था कि पाम इंडस्ट्री का कहना है कि अगर जल्द ही बैन नहीं हटाया गया तो देश का पाम ऑयल उत्पादन ठप हो सकता है. देश में अब पाम ऑयल स्टोर करने की जगह ही नहीं बची है. इसलिए अब निर्यात बैन की समीक्षा करनी चाहिए.
28 अप्रैल को लगाया था बैन
गौरतलब है कि इंडोनेशिया पाम ऑयल का उत्पादन करने वाला दुनिया का सबसे बड़ा देश है. पिछले महीने 28 अप्रैल को इंडोनेशिया ने देश में बढ़ती कीमतों को रोकने के लिए कच्चे पाम ऑयल और इसके कुछ डेरिवेटिव प्रोडक्ट के एक्सपोर्ट पर बैन लगा दिया था. इंडोनेशिया से पाम ऑयल का एक्सपोर्ट शुरू होने के बाद, इन देशों में अब एक बार फिर से खाद्य तेलों की कीमतों में कमी आने की संभावना है.
ये भी पढ़ें– Banking License: RBI ने पांच बैंकों को खोलने की दी मंजूरी, 6 का आवेदन किया रद्द
इंडोनेशिया के पास छह मिलियन टन पाम ऑयल स्टोर करने की क्षमता है. मई की शुरुआत तक देश में 5.8 मिलियन टन पाम ऑयल का संग्रह कर लिया गया था. इंडोनेशिया के कुल पाम ऑयल उत्पादन में से 35 फीसदी की खपत ही इंडोनेशिया के घरेलू बाजार में होती है. इंडोनेशिया पाम ऑयल एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी एडी मारटोनो का कहना है कि कुछ कंपनियों ने पाम फल लेना बंद कर दिया है और अपने खुद के फार्म पर भी प्लांटेशन कार्य को सुस्त कर दिया है.