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ज्ञानवापी मामले में ‘शिवलिंग’ पर आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले प्रोफेसर रतन लाल को ज़मानत, जानें कोर्ट में क्या-क्या हुआ

DU Professior Gets Bail: ज्ञानवापी मस्जिद में कथित शिवलिंग मिलने के दावों पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रतन लाल को कोर्ट से ज़मानत मिल गई है.

DU Professior Gets Bail: वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद में कथित शिवलिंग मिलने के दावों पर आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रतन लाल को कोर्ट से ज़मानत मिल गई है. उन्हें 50 हज़ार के निजी मुचलके पर ज़मानत दी गई है. दिल्ली पुलिस ने उन्हें शुक्रवार रात गिरफ्तार किया था. रतन लाल की गिरफ्तारी के खिलाफ दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्रों और कुछ प्रोफेसरों ने प्रदर्शन भी किया.

सीएमएम(सेंट्रल) सिद्धार्थ मलिक की कोर्ट में शनिवार को पुलिस और बचाव पक्ष की ओर से लंबी बहस चली. दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने 30 मिनट का वक्त लिया और आदेश सुरक्षित रख लिया था. बाद में कोर्ट ने 50 हज़ार के निजी मुचलके पर रतन लाल को ज़मानत देने का फैसला सुनाया. जिरह के दौरना दिल्ली पुलिस ने कहा कि आरोपी की न्यायिक हिरासत चाहिए. हालांकि कोर्ट ने उनकी मांग खारिज कर दी.

कोर्ट में क्या-क्या हुआ?

दिल्ली पुलिस ने कहा कि एक पढ़े लिखे आदमी से ऐसी उम्मीद नहीं की जा सकती. ये केवल सोशल मीडिया पोस्ट नहीं था, बल्कि इसे यूट्यूब में भी डालने के लिए कहा जा रहा था. आरोपी आगे ऐसी गलती न करें, इसके लिए पुलिस उसे बिना नोटिस दिए सीआरपीसी 41a के तहत गिरफ्तार कर सकती है.

जज ने कहा कि सोशल मीडिया में पोस्ट कब किया गया? आगे अगर इसे सोशल मीडिया पर डिस्कस किया जाएगा तो क्या हर बार नया अपराध माना जायेगा.

पुलिस- केवल यही पोस्ट नहीं बल्कि आरोपी ने यूट्यूब पर भी अपने पोस्ट को सही ठहराया.

जज-  ऐसे कितने वीडियो हैं. 

पुलिस- 2 वीडियो हैं. आरोपी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा जाए.

रत्न लाल के वकील –  यहां कोई केस नहीं बनता है. गिरफ्तारी छोड़िए, इनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज नहीं होनी चहिए. अभी तक सोशल मीडिया पोस्ट से कोई हिंसा नहीं हुई है. ऐसे में पुलिस सेक्शन 153a कैसे लगा सकती है. अगर किसी व्यक्ति की सहन शक्ति कम है, तो उसके लिए मैं कैसे ज़िम्मेदार हो सकता हूं. भारत एक लोकतांत्रिक देश है. यहां हर किसी को बोलने की आजादी है. ये एफआईआर रद्द होनी चाहिए.

जज दिल्ली पुलिस से-  अपने इन्हें बगैर नोटिस दिए क्यों गिरफ्तार किया?

दिल्ली पुलिस-  इसमें इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस है. अगर नोटिस जारी करते तो एक क्लिक में सारे एविडेंस डिलीट कर देते. आरोपी अम्बेडकरवादी हैं. उन्हें बहुत लोग फॉलो करते हैं. अगर आप इतने शिक्षित हैं तो आपको ज़िम्मेदार भी होना चाहिए. आपको ऐसी पोस्ट करने से पहले सोचना चाहिए. हमें इनके खिलाफ 6 शिकायतें मिली हैं. 

रत्न के वकील- उन्हें जेल नहीं भेजा जाना चाहिए. ये कानून का दुरुपयोग होगा. इस तरफ से होगा तो जेल बुद्धजीवियों से भर जाएगी.

पुलिस- अगर इन्हें जमानत दी गई तो समाज में गलत मैसेज जाएगा. अगर ये जमानत पर छूटे तो और भी लोग ऐसा करने का साहस करेंगे.

प्रोफेसर पर क्या हैं आरोप?

प्रोफेसर रतन लाल पर सोशल मीडिया में शिवलिंग को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप है. आरोप है कि प्रोफेसर रतन लाल ने ज्ञानवापी मस्जिद में मिले कथित शिवलिंग की फोटो के साथ विवादित पोस्ट किया था. उसी पोस्ट पर प्रोफेसर रतन लाल के खिलाफ नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट के साइबर सेल में एफआईआर दर्ज की गई थी. शुक्रवार रात उन्हें गिरफ्तार किया गया था.

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