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कर्नाटक

Karnataka: आखिर क्यों कर्नाटक में सचिवालय के कर्मचारियों ने शुक्रवार को काम बंद करने का किया एलान, जानिए वजह

Karnataka Secretariat employees: कर्नाटक सरकार सचिवालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष पी गुरुस्वामी कहना है कि कर्मचारी कर्नाटक प्रशासनिक सुधार आयोग-2 की सिफारिशों को लागू करने की सरकार की योजना के खिलाफ हैं

Karnataka Secretariat Employees Call For Bandh: कर्नाटक में सचिवालय के कर्मचारियों (Secretariat Employees) ने 27 मई को काम बंद रखने का फैसला किया जिसे सरकार ने अवैध करार दिया है. कर्नाटक सचिवालय (Karnataka Secretariat) के कर्मचारियों के एक वर्ग ने अन्य मांगों के साथ-साथ कर्मचारियों को कम करने के राज्य सरकार के कदम के विरोध में सचिवालय बंद का आह्वान करके शुक्रवार को काम छोड़ने का फैसला किया. बंद के फैसले को अवैध करार देते हुए कर्नाटक सरकार (Karnataka Govt) ने गुरुवार को कहा था कि इस कदम को बहुत गंभीरता से लिया जा रहा है.

सचिवालय के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को कार्यालय में अनिवार्य रूप से उपस्थित होने के लिए कहते हुए, मुख्य सचिव पी रवि कुमार (P Ravi Kumar) ने एक परिपत्र में कहा कि पूर्व अनुमति के बिना अनुपस्थिति के मामले में किसी भी पारिश्रमिक के लिए योग्य नहीं माना जाएगा. उन्होंने काम पर जाने के इच्छुक अधिकारियों और कर्मचारियों को बाधा डालने वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई और आपराधिक मामला दर्ज करने की भी चेतावनी दी थी.

काम बंद करने के पीछे क्या है वजह?

कर्नाटक सरकार सचिवालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष पी गुरुस्वामी ( P Guruswamy) कहना है कि कर्मचारी कर्नाटक प्रशासनिक सुधार आयोग -2 (Karnataka Administrative Reforms Commission-2) की सिफारिशों को लागू करने की सरकार की योजना के खिलाफ हैं. साथ ही आरोप लगाया है कि राज्य सरकार इस संबंध में उनकी चिंताओं को दूर करने के लिए कोई समाधान नहीं निकाला. उन्होंने दावा किया कि अगर सरकार सरकारी कर्मचारियों को कम करने के लिए प्रशासनिक सुधार समिति -2 की सिफारिशों के साथ आगे बढ़ती है, तो हम आने वाले दिनों में अनिश्चित काल के लिए काम का बहिष्कार करेंगे.

कर्मचारियों की क्या है मांग?

कर्नाटक सचिवालय (Karnataka Secretariat) के कर्मचारियों की मांग है कि सरकार अलग-अलग पदों पर सेवानिवृत अफसरों (Retired Officials) की नियुक्ति न करे. 542 कनिष्ठ सहायक पदों को न हटाए. इसके अलावा कर्मचारियों को प्रतिनियुक्ति पर अन्य विभागों में काम करने की अनुमति दी जाए. बता दें कि आयोग ने गैर- जरुरी पदों को खत्म करके सरकारी दफ्तरों में वर्कफोर्स को युक्तिसंगत बनाने की सिफारिश की है.

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