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Who is Yair Lapid: पॉपुलर न्यूज एंकर से प्रधानमंत्री तक, जानें कौन हैं इजरायल के नए PM यैर लैपिड

Who is Yair Lapid: लैपिड की पहचान एक ऑथर, कॉलमिस्ट और न्यूज एंकर के तौर पर भी रह चुकी है. इसके अलावा उन्होंने मीडिया इंडस्ट्री में अपने सफल करियर को अलविदा कह कर साल 2012 में राजनीति में आने का फैसला लिया था.

Israel New Prime Minister Yair Lapid: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को यैर लैपिड को इजरायल की सत्ता संभालने के लिए बधाई दी और कहा कि ऐसे समय में जब दोनों देश पूर्ण राजनयिक संबंधों के 30 साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं, वह द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए तत्पर हैं. इजरायल की संसद गुरुवार को भंग कर दी गई और चार साल से भी कम समय में पांचवीं बार नवंबर में आम चुनाव कराने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई.

पीएम मोदी ने ट्वीट कर दी बधाई

देश की संसद ने इस संबंध में फैसला लिया है. इजरायल के विदेश मंत्री और निवर्तमान गठबंधन सरकार के गठन में अहम भूमिका निभाने वाले लैपिड देश के कार्यवाहक प्रधानमंत्री बन गए हैं. उन्होंने इजरायल के सबसे कम समय तक सेवा देने वाले प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट से पदभार संभाला.

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, ‘महामहिम यैर लैपिड को इजरायल का प्रधानमंत्री बनने के लिए हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं.’ पीएम मोदी ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘भारत के सच्चे दोस्त होने के लिए महामहिम नफ्ताली बेनेट को धन्यवाद, हमारे बीच हुई उपयोगी बातचीत अब भी मेरी स्मृतियों में हैं और नई भूमिका में आपकी सफलता की कामना करता हूं.’ पीएम मोदी ने हिब्रू भाषा में भी ट्वीट किया.

कौन हैं यैर लैपिड?

यैर लैपिड इजरायल के 14वें प्रधानमंत्री बने हैं और इससे पहले वह देश के विदेश मंत्री का पद संभाल रहे थे. लैपिड की पहचान एक ऑथर, कॉलमिस्ट और न्यूज एंकर के तौर पर भी रह चुकी है. इसके अलावा उन्होंने मीडिया इंडस्ट्री में अपने सफल करियर को अलविदा कह कर साल 2012 में राजनीति में आने का फैसला लिया था. इजरायल के मध्यम वर्ग के बीच वह काफी पॉपुलर नेता हैं जबकि राइट विंग पार्टियों देश के राजनीतिक सिस्टम को कंट्रोल करती हैं.

साल 2013 में लैपिड ने येश आतीद के नाम से अपनी नई पार्टी का गठन किया था और उनकी पार्टी को 120 सदस्यों वाली संसद में सिर्फ 19 सीटों पर जीत मिली थी. इसके बाद लैपिड वित्त मंत्री बने लेकिन इस पद पर रहते हुए भी उनके हाथ सफलता नहीं लगी. उन्होंने घरेलू सामानों की कीमतें कम करने का लक्ष्य रखा था लेकिन ऐसा हो नहीं सका. इसके बाद नेतन्याहू ने उन्हें पद से हटा दिया.

यैर लैपिड लंबे वक्त से चले आ रहे फिलीस्तीन विवाद को बातचीत के जरिए सुलझाने के समर्थक रहे हैं. हालांकि यह साफ नहीं है कि इस जनादेश के साथ वह अपने मकसद को पूरा करने में सफल हो पाएंगे या नहीं. लैपिड अक्टूबर में होने जा रहे आम चुनाव तक प्रधानमंत्री के तौर पर काम करेंगे.

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