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विदेश में पढ़ने का है सपना, बजट नहीं दे रहा इजाजत, इन तरीकों से दूर होगी मुश्किल

Student IIT

Study In Abroad: विदेशों में जाकर वहां की टॉप क्लास यूनिवर्सिटी (top class university) में पढ़ने की इच्छा हजारों लोगों को होती है. लेकिन बहुत से लोगों की इच्छा पूरी नहीं हो पाती है. दरअसल विदेश जाकर वहां रहने और पढ़ने का काफी ज्यादा खर्च आता है और इतना पैसा खर्च कर पाना सभी के बस का नहीं होता. इसमें सबसे बड़ी दिक्कत पैसों की आती है. लेकिन असंभव जैसा कुछ भी नहीं है. यदि आप भी विदेशों में पढ़ाई का सपना पूरा करना चाहते हैं तो एजुकेशन लोन (education loan) सहित कुछ अन्य तरीके भी हैं जिससे पैसों का इंतजाम किया जा सकता है.

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एजुकेशन लोन

एजुकेशन लोन तो काफी समय से चर्चित है. एजुकेशन लोन आप बैंक से लेकर कुछ अन्य वित्तीय संस्थानों से भी ले सकते हैं. एजुकेशन लोन भी होम लोन या पर्सनल लोन, गोल्ड लोन की तरह ही लिया जाता है. एजुकेशन लोन की खास बात यह है कि इसकी ब्याज दर आमतौर पर पर्सनल लोन से कम होती है और इसमें पढ़ाई के दौरान EMI भी नहीं देना होता. पढ़ाई खत्म होने के बाद भी EMI शुरू करने के लिए कुछ समय दिया जाता है. ये पढ़ाई के बाद नौकरी खोजने के लिए समय दिया जाता है. इस समय को मोरेटोरियम पीरियड कहा जाता है. नौकरी मिलने के बाद आपको EMI चुकाना होता है. हालांकि कुछ मामलों में एजुकेशन लोन आपके कोर्स पर भी निर्भर करता है कि आप किस कोर्स में एडमिशन लेने जा रहे हैं. अगर आप कोई ऐसा कोर्स करने जा रहे हैं जिसकी मार्केट में डिमांड है तो लोन थोड़ा ज्यादा आसानी से मिल जाता है. जैसे इस समय डाटा साइंस, डाटा एनालिस्ट काफी हाई डिमांड वाले कोर्स हैं.

स्कॉलरशिप

विदेशों के कॉलेज और यूनिवर्सिटीज स्टूडेंट्स को स्कॉलरशिप देती हैं. स्कॉलरशिप के लिए सभी कॉलेजों का अपना क्राइटेरिया होता है. कहीं मेरिट तो कहीं स्पोर्ट्स या स्किल के आधार पर स्कॉलरशिप मिलती है. कुछ कॉलेज और यूनिवर्सिटीज तो स्कॉलरशिप में फीस का हिस्सा पूरी तरह से माफ कर देती हैं. ऐसे में स्टूडेंट्स को सिर्फ विदेश में रहने के लिए ही खर्च करना होता है.

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पार्ट टाइम जॉब

कई देश ऐसे भी हैं जहां आप आराम से पार्ट टाइम जॉब कर सकते हैं. तो यदि आपको पढ़ाई का और रहने का खर्च ज्यादा समझ आ रहा है तो आप पार्ट टाइम जॉब करके भी विदेश में अपनी पढ़ाई कर सकते हैं. हालांकि आप किस देश में पढ़ाई करने के लिए जा रहे हैं वहां के नियम-कानून के बारे में पहले से पता कर लें क्योंकि कुछ देशों में ऐसा भी है जहां जॉब करने की छूट नहीं होती है.

स्पॉन्सरशिप

विदेशों में पढ़ाई के लिए स्पॉन्सरशिप भी एक बढ़िया ऑप्शन है. स्पॉन्सरिशप कई तरह के होते हैं लेकिन हम बताने जा रहे हैं आमतौर पर मिलने वाले 2 तरह के स्पॉन्सरशिप के बारे में. एक है कॉरपोरेट स्पॉन्सरशिप और दूसरा होता है कि कोई कंपनी या संस्था फंड देती है. कॉरपोरेट स्पॉन्सरशिप के तहत वो कंपनी आपकी पढ़ाई का खर्च या फिर पढ़ाई और रहने का खर्च उठाती है जिसके लिए आप काम कर रहे हैं. इससे उस कंपनी को भी फायदा होता है क्योंकि जब आप कुछ नया सीखकर आएंगे तो उससे कंपनी को फायदा होगा.

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दूसरी तरफ जब स्पॉन्सर्ड डिग्री के तहत कोई कंपनी आपकी पढ़ाई के लिए फंडिंग करती है तो इसके बदले आपको कोर्स पूरा होने के बाद लिमिटेड समय के लिए कंपनी में काम करना होता है. इसमें बॉन्ड भरना होता है यानी कि कोर्स बीच में छोड़ने पर हर्जाना भी भरना होगा.

फ्री एजुकेशन

विदेशों में कुछ देश ऐसे भी हैं जहां हायर एजुकेशन (उच्च शिक्षा) के लिए कोई फीस नहीं ली जाती है. अगर ऐसी जगह में पढ़ने का मौका मिल जाता है तो फीस खर्च का हिस्सा बच जाता है. अब सिर्फ आपको वहां रहने और खाने पर होने वाले खर्च का इंतजाम करना होगा.

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