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LPG Subsidy : सरकार धीरे-धीरे खत्‍म कर रही रसोई गैस पर सब्सिडी, एक साल में बचाए 11,654 करोड़ रुपये

एलपीजी सिलेंडर की बेतहाशा बढ़ती कीमतों के बीच सरकार ने इस पर सब्सिडी भी लगभग पूरी तरह खत्‍म कर दी है. दो वित्‍तवर्ष पहले तक जहां सब्सिडी के रूप में सरकार को सालाना 37 हजार करोड़ रुपये खर्च करने पड़ते थे, वहीं बीते वित्‍तवर्ष में यह खर्च घटकर 242 करोड़ रुपये रह गया है. दो साल में 9 करोड़ से ज्‍यादा लोगों की सब्सिडी खत्‍म हुई है.

हाइलाइट्स

2021-22 में सब्सिडी पर खर्च घटकर महज 242 करोड़ रुपये रह गया है.
वित्‍तवर्ष 2019 में 37,209 करोड़ रुपये एलपीजी की सब्सिडी पर खर्च हुए थे.
जून, 2020 से अब तक 9.3 करोड़ लोगों की एलपीजी सब्सिडी खत्‍म हुई है.

नई दिल्‍ली. रसोई गैस सिलेंडर (LPG cylinders) पर मिलने वाली सब्सिडी को सरकार धीरे-धीरे खत्‍म कर रही है. यह जानकारी खुद सरकार ने संसद में दी है. केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्‍यमंत्री रामेश्‍वर तेली ने लोकसभा को बताया कि अब इन उत्‍पादों की कीमतें सीधे ग्‍लोबल मार्केट से जुड़ गई हैं.

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केंद्रीय मंत्री की ओर से लोकसभा में पेश आंकड़ों के अनुसार, वित्‍तवर्ष 2020-21 में जहां सरकार ने एलपीजी सब्सिडी के रूप में 11,896 करोड़ रुपये खर्च किए थे, वहीं 2021-22 में यह खर्च घटकर महज 242 करोड़ रुपये रह गया है. इस तरह सब्सिडी को खत्‍म कर सरकार ने सिर्फ एक वित्‍तवर्ष में ही 11,654 करोड़ रुपये बचा लिए.

पेट्रोलियम मंत्रालय के अनुसार, वित्‍तवर्ष 2018 में एलपीजी सब्सिडी पर 23,464 करोड़ रुपये खर्च हुए थे, जो वित्‍तवर्ष 2019 में 37,209 करोड़ रुपये पहुंच गया है. इसके बाद सरकार ने लोगों से सब्सिडी छोड़ने की अपील की और करोड़ों ग्राहकों ने इस अपील पर सब्सिडी छोड़ दी, जिससे वित्‍तवर्ष 2020 में सरकार का खर्च घटकर 24,172 करोड़ पर आ गया. 2021 में इसमें करीब 50 फीसदी से ज्‍यादा की गिरावट आई और सब्सिडी का खर्च घटकर 11,896 करोड़ रुपये रह गया. पिछले वित्‍तवर्ष में इस पर सरकार ने बेहद मामूली राशि खर्च की.

गैस सिलेंडर की बढ़ती कीमतों ने घटाया सब्सिडी का बोझ
पेट्रोलियम मंत्री ने संसद को बताया कि देश में पेट्रोलियम उत्‍पादों की कीमतों को ग्‍लोबल मार्केट से जोड़ दिय गया है. बावजूद इसके सरकार उपभोक्‍ताओं पर बोझ घटाने के लिए लगातार कीमतों को कम रखने पर जोर दे रही है. बीते साल सब्सिडी में गिरावट की बड़ी वजह लाभार्थियों की संख्‍या में कमी आना और गैस सिलेंडर की खुदरा कीमतों में बढ़ोतरी रही है.

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दो साल में 9.3 करोड़ लाभार्थी घटे
सरकार ने जून, 2020 में कहा था कि गैस सिलेंडर पर सब्सिडी अब सिर्फ प्रधानमंत्री उज्‍ज्‍वला योजना के लाभार्थियों को ही दी जाएगी. इसके बाद से सब्सिडी पाने वालों की संख्‍या में 9.3 करोड़ की कमी आई है. इस दौरान रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों में भी बेतहाशा वृद्धि हुई है. इस महीने की शुरुआत में ही कंपनियों ने सिलेंडर पर 50 रुपये बढ़ा दिए थे, जिसके बाद दिल्‍ली में रसोई गैस का दाम 1,053 रुपये पहुंच गया था.

दो साल से सिर्फ बढ़ रहे हैं दाम
केंद्रीय मंत्री की ओर से पेश आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2019 में एलपीजी सिलेंडर का मूल्‍य 706.50 रुपये था, जो 1 मई 2020 तक घटकर 581.5 हो गया था. इसके बाद से रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही है. सिवाय अप्रैल 2021 के जब इसमें 10 रुपये की मामूली कटौती की गई थी. तबसे इसकी कीमतों में लगभग दोगुने की बढ़ोतरी हो चुकी है.

अब 200 रुपये प्रति सिलेंडर की सब्सिडी
पेट्रोलियम मंत्री ने कहा, चालू वित्‍तवर्ष में उज्‍ज्‍वला योजना के लाभार्थियों को प्रति सिलेंडर 200 रुपये की सब्सिडी दी जाएगी. यह एक साल में 12 सिलेंडर पर लागू होगा. लाभार्थी जब रसोई गैस सिलेंडर को बाजार मूल्‍य पर खरीद लेगा, उसके बाद सब्सिडी की राशि को सीधे उसके खाते में ट्रांसफर कर दिया जाएगा.

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