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धर्म

Mangala Gauri Vrat 2022: सावन का दूसरा मंगला गौरी व्रत आज, जानें पूजा मुहूर्त और व्रत विधि

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सावन माह का दूसरा मंगला गौरी व्रत (Mangala Gauri Vrat) आज है. आज आपको माता मंगला गौरी की विधिपूर्वक पूजा अर्चना करनी चाहिए ताकि वे प्रसन्न होकर आपको अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद दें.

हाइलाइट्स

आज मंगला गौरी व्रत के साथ सावन शिवरात्रि व्रत का भी पुण्य प्राप्त कर सकते हैं.
आज के दिन माता मंगला गौरी से अखंड सौभाग्य प्रदान करने की कामना की जाती है.

सावन माह का दूसरा मंगला गौरी व्रत (Mangala Gauri Vrat) आज है. आज मंगला गौरी व्रत के साथ सावन की शिवरात्रि भी है. जो महिलाएं अखंड सौभाग्य की कामना से आज मंगला गौरी व्रत रखेंगी, उनको सावन शिवरा​त्रि व्रत का भी पुण्य प्राप्त होगा. माता गौरी की पूजा के साथ भगवान शिव की आराधना करने से अखंड सौभाग्य के साथ अन्य मनोकामनाएं भी शिव कृपा से पूर्ण हो जाएंगी. भगवान शिव और माता मंगला गौरी एक दूसरे के पर्याय हैं. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं मंगला गौरी व्रत के पूजा मुहूर्त और व्रत विधि के बारे में.

मंगला गौरी व्रत 2022
आज दूसरा मंगला गौरी व्रत है. आज सुबह त्रयोदशी तिथि है, जो आज शाम 06:46 बजे तक है. उसके बाद से चतुर्दशी तिथि प्रारंभ हो जाएगी. त्रयोदशी और चतुर्दशी दोनों ही तिथियां शिव पूजा के लिए समर्पित हैं.
त्रयोदशी ति​थि: कल शाम 04:15 बजे से लेकर आज शाम 06:46 बजे तक
चतुर्दशी तिथि: आज शाम 06:46 बजे से कल रात 09:11 बजे तक
आज दिन का शुभ समय या अभिजित मुहूर्त: दोपहर 12:00 बजे से दोपहर 12:55 बजे तक
व्रत पारण का समय: कल सूर्योदय के पश्चात

मंगला गौरी व्रत और पूजा विधि
मंगला गौरी व्रत महिलाएं रखती हैं. ऐसे में आज प्रात: स्नान के बाद हरे रंग या लाल रंग की साड़ी या अन्य वस्त्र पहनें. उसके बाद पूजा स्थान की साफ सफाई कर लें. फिर माता मंगला गौरी, भगवान शिव और गणेश जी की मूर्ति एक चौकी पर स्थापित कर दें.

उसके बाद गौरी, गणेश और शिव जी की पूजा करें. गणेश जी को फूल, अक्षत्, चंदन, रोली, कुमकुम आदि चढ़ाएं. उसके बाद माता मंगला गौरी को अक्षत्, कुमकुम, सिंदूर, लाल पुष्प, फल, श्रृंगार सामग्री, लाल चुनरी आदि अर्पित करें.

इसके बाद भगवान शिव को बेलपत्र, सफेद फूल, भांग, मदार, अक्षत्, फल, चंदन आदि चढ़ाएं. उसके पश्चात मंगला गौरी चालीसा और मंगला गौरी व्रत कथा पढ़ें या सुनें. फिर घी के दीपक से मां मंगला गौरी की आरती विधिपूर्वक करें.

माता मंगला गौरी से अखंड सौभाग्य और भगवान शिव से मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद मांगें. इस प्रकार से मंगला गौरी व्रत की पूजा को पूरा करें. अगले दिन सुबह स्नान आदि के बाद पारण करके व्रत को पूरा करें.

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