लखनऊ, जागरण टीम। मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और उत्तराखंड में हो रही बारिश और वहां के बैराजों से लगातार छोड़े जा रहे पानी के कारण उत्तर प्रदेश में सूखा के बावजूद नदियां हाहाकारी रूप ले रही हैं। बुंदेलखंड में यमुना, केन, सिंध, पहुज नदियां उफान पर हैं, तो वहीं प्रयागराज में गंगा-यमुना खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर बह रही हैं।
प्रयागराज में गंगा और यमुना के किनारे के लगभग 42 मोहल्ले और 120 गांव पानी से घिर गए हैं। 3.5 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। यहां 40 हजार लोग बेघर हो गए हैं। 15 राहत शिविरों में पांच हजार शरणार्थी पहुंच चुके हैं। इटावा और आगरा में चंबल का जलस्तर घटा है, लेकिन इससे बहकर पहुंचे मगरमच्छ एवं घड़ियाल प्रयागराज सहित गंगा के किनारे बसे अन्य स्थानों के लोगों को आतंकित कर रहे हैं।
मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और उत्तराखंड के बांधों और बैराजों से 33 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। इसका असर संगमनगरी में साफ दिख रहा है। आपदा प्रभारी और एडीएम वित्त व राजस्व जगदंबा सिंह ने बताया कि हालात देखते हुए राहत शिविरों की संख्या बढ़ाई जा रही है। प्रभावित क्षेत्रों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, जल पुलिस और पीएसी की बाढ़ राहत कंपनी दिन-रात नाव व स्टीमर से पेट्रोलिंग कर रही हैं।
अभी सोमवार तक यही स्थिति रहेगी। वाराणसी में भी गंगा खतरे के निशान से एक फीट ऊपर बह रही हैं। धीमी गति से बढ़ोतरी लगातार जारी है। इससे कई मोहल्लों में पानी घुस गया है। हमीरपुर में बेतवा और यमुना का घटना शुरू हो गया है। फतेहपुर में यमुना बढ़ रही है। शनिवार को इटावा और आगरा में चंबल, फर्रुखाबाद में गंगा का जलस्तर घटना शुरू हो गया।
आगरा में शनिवार को दोपहर 12 बजे तक चंबल नदी का जलस्तर 133.15 मीटर रिकार्ड हुआ, जो खतरे के निशान से तीन मीटर ऊपर है। एक दिन पहले नदी खतरे के निशान से सात मीटर ऊपर थी। यहां करीब आठ हजार ग्रामीण प्रभावित हैं। 1200 लोगों ने टीलों पर शरण ले रखी है। बांदा में पैलानी, बबेरू, तिंदवारी के 37 गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। यहां चार गांवों को खाली कराया गया है। चित्रकूट में यमुना का पानी बढ़ने से निचले इलाकों को खाली कराया जा रहा है।
जालौन में यमुना, सिंध, पहुज नदियों का जलस्तर बढ़ने से कई गांवों का संपर्क मुख्यालय से कट गया है। फतेहपुर में यमुना के जलस्तर में लगातार वृद्धि से कटरी के 130 गांवों में बाढ़ का पानी पहुंच गया है। बाढ़ से बांदा-कानपुर हाईवे का यातायात तीसरे दिन भी ठप रहा। उन्नाव में गंगा नदी का जलस्तर बीते 18 घंटों में 18 सेंटीमीटर बढ़ा है। कानपुर देहात में बाढ़ से कई गांव घिरे हैं।