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दुनिया में बजेगा भारत का डंका, जापान-जर्मनी छूटेंगे पीछे, बस कुछ साल का इंतजार

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भारत अगले 7 साल में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था (Economy) बन सकता है. ये दावा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने अपने एक रिसर्च पेपर (SBI Research Paper) में किया है. भारत फिलहाल दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है. ब्रिटेन (Britain) को पछाड़कर भारत ने पांचवां स्थान हासिल किया है. SBI के रिसर्च पेपर के अनुसार, भारत 2014 के बाद से एक बड़े संरचनात्मक बदलाव से गुजरा है और अब इस मुकाम पर है. भारत दिसंबर 2021 की शुरुआत में ही ब्रिटेन को पीछे छोड़ दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकोनॉमी बन गया था.

पांच पायदान ऊपर चढ़ा भारत

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के इकोनॉमिक रिसर्च डिपार्टमेंट की रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर भारत का ग्रॉस घरेलू उत्पाद (GDP) का हिस्सा फिलहाल 3.5 फीसदी है. साल 2014 में ये 2.6 प्रतिशत रहा था. 2027 तक ये 4 फीसदी हो सकता है. फिलहाल वैश्विक जीडीपी में जर्मनी की हिस्सेदारी 4 फीसदी है.

साल 2014 के बाद से भारत द्वारा अपनाए गए रास्ते से पता चलता है कि देश ने इकोनॉमी के मोर्चे पर प्रगति की है. इसके चलते संभावना है कि साल 2029 में भारत को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का टैग मिल जाएगा. 2014 में भारत दुनिया की अर्थव्यवस्था में 10वें नंबर पर था. इसके बाद से आठ साल में भारत पांच पायदान ऊपर चढ़ा है.

जर्मनी-जापान से आगे निकलेगा भारत

रिपोर्ट के अनुसार, भारत को 2027 में जर्मनी से आगे निकल जाना चाहिए और सबसे अधिक संभावना है कि विकास की मौजूदा दर पर 2029 तक भारत जापान को पीछे छोड़ देगा. इस सप्ताह जारी पहली तिमाही के जीडीपी के आंकड़ों (June Quarter GDP Data) के अनुसार, जून 2022 की तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था ने 13.5 फीसदी की दर से वृद्धि की है. रिपोर्ट के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में संभावना है कि भारतीय इकोनॉमी सबसे तेज रफ्तार से आगे बढ़े.

भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान

दिलचस्प बात यह है कि वित्त वर्ष 2023 के लिए भारत की जीडीपी विकास दर का अनुमान फिलहाल 6.7 फीसदी से 7.7 फीसदी तक है. रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया में अनिश्चितताओं के माहौल के बीच हमारा मानना ​​है कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए 6 फीसदी से 6.5 फीसदी की वृद्धि ‘न्यू नॉर्मल’ है. रिपोर्ट में कहा गया है कि आने वाले दिनों में भारत को अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर फायदा मिलने की संभावना है. क्योंकि चीन नए निवेश के मामले में धीमा पड़ा रहा है.

चुनौतियों के बावजूद बढ़ रही भारतीय इकोनॉमी

अगर भारत और ब्रिटेन की इकोनॉमी को डॉलर में देखें, तो आईएमएफ (IMF) के आंकड़ों के अनुसार, मार्च की तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था 854.7 अरब डॉलर थी. वहीं, ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था 816 अरब डॉलर थी. आंकड़े बता रहे हैं कि भले ही दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाएं मंदी (Global Recession) और महंगाई (Inflation) की मार से परेशान हों, लेकिन भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) तमाम चुनौतियों के बाद भी तेज रफ्तार से आगे बढ़ रही है. 

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