हल्द्वानी. उत्तराखंड के हल्द्वानी शहर में स्थित सुशीला तिवारी राजकीय अस्पताल (Sushila Tiwari Hospital Haldwani) में इन दिनों मरीजों की संख्या काफी ज्यादा देखने को मिल रही है. कई एकड़ में फैले इस अस्पताल में कुमाऊं भर से रोगी इलाज के लिए आते हैं. जबकि 650 बेड की क्षमता वाला यह अस्पताल कुमाऊं का सबसे बड़ा अस्पताल है. हालात ऐसे हैं कि मरीजों को अस्पताल में बेड नहीं मिल पा रहा है. इससे पहले अस्पताल में इस तरह की स्थिति कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान देखने को मिली थी.
इस समय सुशीला तिवारी अस्पताल में रोजाना 2000 से ज्यादा ओपीडी हो रही हैं. ज्यादातर मरीज बुखार, जुकाम, पीलिया और टाइफाइड के सामने आ रहे हैं. इस दौरान जिन मरीजों का स्वास्थ्य ज्यादा खराब है, उन्हें अस्पताल में भर्ती किया जा रहा है. अस्पताल में मरीजों के तीमारदारों के रुकने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है, लिहाजा वे लोग गलियारे या फिर अस्पताल परिसर में अन्य जगहों पर ठहरने को मजबूर हैं.
राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. अरुण जोशी ने इस बारे में कहा कि अस्पताल में वायरल फीवर, जुकाम, पीलिया और टायफाइड के मरीज बढ़ रहे हैं. हर रोज सैकड़ों की संख्या में मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं. अस्पताल में जितने बेड हैं, सभी फुल हो चुके हैं. इसके बाद भी डॉक्टर और स्टाफ हर तरह का प्रयास कर रहा है.
डॉ. अरुण जोशी ने आगे कहा कि अस्पताल प्रशासन की कोशिश रहती है कि एक भी व्यक्ति बिना इलाज के यहां से नहीं जाना चाहिए. मरीजों को भर्ती करने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था पर विचार किया जा रहा है.
बहरहाल, अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस सुशीला तिवारी अस्पताल में अन्य सरकारी अस्पतालों की तुलना में इलाज बेहद सस्ता है. यहां ओपीडी का पर्चा 5 रुपये का है. जबकि हल्द्वानी के बेस अस्पताल की ओपीडी के पर्चे के लिए आपको 28 रुपये चुकाने पड़ते हैं. वहीं, एसटीएच में एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, एमआरआई समेत सभी तरह की जांचें भी बेहद कम कीमत में होती हैं.