टेलीकॉम कंपनियों को 30 दिनों की वैलिडिटी वाला कम से कम एक टैरिफ प्लान और प्रत्येक महीने की समान तिथि पर रिचार्ज किया जाने वाला एक प्लान लाने को कहा गया है। अगर रिन्युअल की तिथि एक महीने में उपलब्ध नहीं है तो वह महीने की अंतिम तिथि होगी
टेलीकॉम रेगुलेटर TRAI ने सभी टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स को कम से कम एक ऐसा प्लान वाउचर, स्पेशल टैरिफ वाउचर और कॉम्बिनेशन वाउचर सब्सक्राइबर्स को उपलब्ध कराने का ऑर्डर दिया है जिसका 30 दिनों या एक महीने की अवधि पूरी होने पर रिन्यू कराया जा सके।
TRAI की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि अगर ऐसे रिन्युअल की तिथि एक महीने में उपलब्ध नहीं है तो वह उस महीने की आखिरी तिथि होनी चाहिए। प्रत्येक टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर को कम से कम एक प्लान वाउचर, स्पेशल टैरिफ वाउचर और कॉम्बो वाउचर उपलब्ध कराना होगा जिसकी वैलिडिटी 30 दिनों की होगी। TRAI ने 30 दिन के टैरिफ प्लान या मंथली रिचार्ज प्लान के उपलब्ध नहीं होने को लेकर कस्टमर्स की मुश्किलों पर ध्यान देते हुए यह आदेश दिया है। टेलीकॉम कंपनियां 28 दिनों की वैलिडिटी वाले प्रीपेड प्लान दे रही हैं जिनसे कस्टमर्स को मुश्किलें होती हैं।
इस वजह से TRAI ने टेलीकॉम कंपनियों को 30 दिनों की वैलिडिटी वाला कम से कम एक टैरिफ प्लान और प्रत्येक महीने की समान तिथि पर रिचार्ज किया जाने वाला एक प्लान लाने को कहा है। अगर रिन्युअल की तिथि एक महीने में उपलब्ध नहीं है तो वह महीने की अंतिम तिथि होगी।
लगभग छह वर्ष पहले टेलीकॉम मार्केट में रिलायंस जियो के बिजनेस शुरू करने के बाद टैरिफ घटाने की प्रतिस्पर्धा शुरू हुई थी। इससे कुछ टेलीकॉम कंपनियों की वित्तीय स्थिति बहुत कमजोर हो गई थी। इसके बाद इस इंडस्ट्री में मर्जर और एक्विजिशन भी हुए थे। इसके अलावा AGR की बकाया रकम का बोझ भी इन कंपनियों पर पड़ा था। इससे Vodafone Idea लगभग दिवालिया होने के कगार पर पहुंच गई थी। सरकार की ओर से बकाया रकम चुकाने के लिए मोराटोरियम और इंटरेस्ट के भुगतान के लिए इक्विटी देने की पेशकश से कंपनी को कारोबार में बने रहने में मदद मिली थी। Vodafone Idea के स्टॉक का प्राइस 10 रुपये या इससे अधिक पर जाने के बाद कंपनी में हिस्सेदारी लेगी। कंपनी ने इस प्राइस पर सरकार को हिस्सेदारी की पेशकश की थी जिसे फाइनेंस मिनिस्ट्री की ओर से जुलाई में स्वीकृति दी गई थी। टेलीकॉम कंपनियों को इससे पहले स्पेक्ट्रम की पेमेंट पर चार वर्ष के मोराटोरियम पर और एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) की बकाया रकम को चुकाने के लिए इंटरेस्ट के बदले इक्विटी देने की पेशकश की गई थी।