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एक बार गिफ्ट करने के बाद क्या वापस ली जा सकती है प्रॉपर्टी? इस बारे में क्या कहते हैं कायदे-कानून?

अगर आपने किसी को प्रॉपर्टी गिफ्ट कर दी, तो क्या आप बाद में उसे वापस ले सकते हैं? अगर आपको किसी से प्रॉपर्टी गिफ्ट में मिली है, तो क्या देने वाला उसे बाद में वापस ले सकता है? जानिए इन सवालों के जवाब.

Grounds for Cancellation of Registered Gift Deed : अगर आपने किसी को प्रॉपर्टी गिफ्ट कर दी, तो क्या आप बाद में उसे वापस ले सकते हैं? या अगर आपके परिवार के किसी सदस्य, रिश्तेदार या करीबी ने आपको कोई प्रॉपर्टी गिफ्ट में दी है, तो क्या वे बाद में उसे वापस लेने का दावा कर सकते हैं? इस फैसले का जवाब जानने से पहले यह समझना जरूरी है कि आखिर प्रॉपर्टी गिफ्ट करने की प्रक्रिया क्या है?

प्रॉपर्टी गिफ्ट करने का क्या है सही तरीका?

प्रॉपर्टी ‘गिफ्ट’ करने यानी उपहार में देने का मतलब कानून की नजर में क्या है, इसे ट्रांसफर ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट (Transfer of Property Act, 1882) का सेक्शन 122 साफ करता है. इस सेक्शन के मुताबिक प्रॉपर्टी गिफ्ट करने का मतलब ये है कि उस संपत्ति के मालिक ने उसे अपनी मर्जी से किसी दूसरे व्यक्ति के नाम पर ट्रांसफर कर दिया है और इसके एवज में उसने कोई संपत्ति प्राप्त करने वाले से कोई धन या मूल्य (consideration) नहीं लिया है. गिफ्ट देने की प्रक्रिया कभी पूरी होती है, जब उपहार देने वाला संपत्ति को प्राप्त करने वाले के नाम ट्रांसफर कर दे और उसे प्राप्त करने वाला व्यक्ति उसे स्वीकार कर ले.

सेल डीड और गिफ्ट डीड में क्या अंतर है?

सेल डीड में आप अपनी संपत्ति को पैसे यानी उसका मूल्य लेकर दूसरे के नाम ट्रांसफर करते हैं. सेल डीड में इस बात का जिक्र साफ तौर पर किया जाता है कि आप अपनी किस संपत्ति को कितना मूल्य लेकर बेच रहे हैं. सरकार सेल डीड पर स्टैंप ड्यूटी भी वसूल करती है. लेकिन गिफ्ट डीड तब की जाती है, जब आप अपनी संपत्ति को कोई मूल्य लिये बिना, मुफ्त में ट्रांसफर कर रहे होते हैं. आमतौर पर कोई व्यक्ति अपने किसी करीबी रिश्तेदार को ही प्रॉपर्टी गिफ्ट कर सकता है.

क्या आप कोई भी संपत्ति गिफ्ट कर सकते हैं?

नहीं. आप हर वो चीज गिफ्ट नहीं कर सकते, जिसका मालिकाना हक आपके पास है. मिसाल के तौर पर अगर आप हिंदू हैं तो आप सिर्फ अपनी अर्जित की हुई संपत्ति ही गिफ्ट कर सकते हैं, विरासत में मिली ऐसी पुश्तैनी संपत्ति नहीं, जिस पर आपके परिवार के दूसरे सदस्यों या आपकी अगली पीढ़ी के वारिसों का भी अधिकार बनता है. अगर आप किसी संपत्ति के साझा तौर पर मालिक हैं, तो आप संपत्ति में अपने हिस्से को ही गिफ्ट कर सकते हैं. वो भी कुछ शर्तों के साथ.

क्या गिफ्ट की जा चुकी प्रॉपर्टी वापस ली जा सकती है?

अब आते हैं, उस सवाल पर जिसका जवाब देना इस आर्टिकल का मुख्य मकसद है. कानूनी तौर पर गिफ्ट देने की प्रक्रिया एक बार पूरी हो जाए तो उसे खारिज नहीं किया जा सकता. यानी अगर गिफ्ट देने वाले ने अपनी प्रॉपर्टी अपनी मर्जी से दूसरे व्यक्ति को उपहार में दे दी और दूसरे व्यक्ति ने उसे स्वीकार कर लिया और फिर दस्तावेजों में संपत्ति की मिल्कियत भी नए मालिक के नाम ट्रांसफर हो गई, तो सामान्य परिस्थितियों में इस ट्रांजैक्शन को रद्द नहीं किया जा सकता. लेकिन कुछ असाधारण परिस्थितियों में ऐसा किया भी जा सकता है.

किन हालात में वापस मिल सकती है गिफ्ट की गई प्रॉपर्टी?

गिफ्ट में दी गई प्रॉपर्टी को आमतौर वापस नहीं लिया जा सकता. लेकिन ट्रांसफर ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट के सेक्शन 126 में उन परिस्थितियों के बारे में बताया गया है, जब गिफ्ट डीड को रद्द किया जा सकता है.

  • अगर गिफ्ट देने वाले और लेने वाले, दोनों इस बात पर सहमत हों तो आपसी रजामंदी से गिफ्ट डीड को सस्पेंड या रद्द कर सकते हैं.
  • अगर गिफ्ट डीड पर दस्तखत के बावजूद प्रॉपर्टी ट्रांसफर नहीं हुई हो और बाद में गिफ्ट देने वाला अपना फैसला बदल ले, तो ऐसी हालत में भी उसकी मर्जी से गिफ्ट डीड रद्द मानी जा सकती है.
  • अगर गिफ्ट डीड में प्रॉपर्टी उपहार में दिए जाने के लिए जरूरी शर्त के तौर पर कोई प्रावधान शामिल किया गया हो, तो उसके पूरा न होने पर भी गिफ्ट को रद्द किया जा सकता है. मिसाल के तौर पर अगर कोई पिता अपने बेटे को इस शर्त के साथ अपनी प्रॉपर्टी गिफ्ट करता है कि वो ताउम्र उसकी देखभाल करेगा और बाद में बेटा अपनी ये जिम्मेदारी नहीं निभाता, तो पिता अपनी गिफ्ट डीड रद्द करके प्रॉपर्टी वापस लेने का दावा कर सकता है.

फ्रॉड या जबरदस्ती से हासिल गिफ्ट रद्द हो सकती है

गिफ्ट डीड तभी मान्य होती है, जब देने वाले ने अपनी स्वतंत्र इच्छा (Free Will) का इस्तेमाल करते हुए उपहार देने का फैसला किया हो. लेकिन अगर बाद में यह साबित होता है कि गिफ्ट हासिल करने वाले ने दबाव डालकर, कोई फ्रॉड करके या गलत जानकारी के जरिए गुमराह करके गिफ्ट हासिल किया है, तो ऐसी गिफ्ट डीड तो अमान्य घोषित किया जा सकता है. इसके अलावा कोई भी नाबालिग व्यक्ति किसी को गिफ्ट डीड के जरिए प्रॉपर्टी उपहार में नहीं दे सकता, क्योंकि इंडियन कॉन्ट्रैक्ट एक्ट के तहत उसे कॉन्ट्रैक्ट करने योग्य नहीं माना गया है.

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