दूरसंचार क्षेत्र में और सुधार लाने और उपभोक्ताओं तक किफायती सेवाएं पहुंचाने के लिए सरकार ने नया मसौदा जारी किया है. इसके तहत कई नियम बनाए गए हैं, जो कंपनियों को तमाम तरह की सहूलियतें देगी. इसमें फीस और जुर्माने से छूट के साथ लाइसेंस सरेंडर करने पर रिफंड का भी प्रावधान किया गया है.
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नई दिल्ली. सरकार ने दूरसंचार क्षेत्र को और सहूलियत देने के लिए बुधवार को इंडियन टेलीकम्युनिकेशंस बिल 2022 जारी कर दिया है. इसमें टेलीकॉम सेवाओं को और किफायती बनाने और कंपनियों को राहत देने के लिए कई नए नियम शामिल किए गए हैं.
दूरसंचार विभाग (डॉट) ने बताया कि नए बिल के तहत दूरसंचार और इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को फीस और पेनॉल्टी में छूट दी दिए जाने का प्रावधान है. इसके अलावा अगर टेलीकॉम या इंटरनेट प्रोवाइडर अपना लाइसेंस सरेंडर करता है तो उसे फीस रिफंड कर दी जाएगी. केंद्रीय दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ड्राफ्ट बिल का लिंक शेयर करते हुए पूछा कि इस पर लोगों के सुझाव चाहिए और 20 अक्तूबर तक बिल पर पब्लिक अपना सुझाव दे सकती है. इसके बाद इसे अंतिम रूप दिया जाएगा.
क्या-क्या सहूलियत मिलेगी
बिल के रूप में तैयार मसौदे के अनुसार, केंद्र सरकार दूरसंचार और इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को फीस में पूरी तरह या आंशिक रूप से छूट दे सकती है. इसमें एंट्री फीस, लाइसेंस फीस, रजिस्ट्रेशन फीस सहित अन्य दूसरी तरह की फीस व चार्जेज शामिल होंगे. इसके अलावा ब्याज, अतिरिक्त चार्ज और पेनॉल्टी पर भी लाइसेंस धारकों और रजिस्टर्ड संस्थाओं को छूट दी जा सकती है. बिल में केंद्र या राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त संवाददाताओं के भारत में प्रकाशित होने वाले प्रेस संदेशों को इंटरसेप्शन से छूट देने का भी प्रस्ताव है.
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बिल में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि बिल में किसी भी सार्वजनिक आपात स्थिति के मामले में या भारत की सार्वजनिक सुरक्षा, संप्रभुता, अखंडता या सुरक्षा के हित में, विदेशी राज्यों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों, सार्वजनिक व्यवस्था या किसी अपराध के लिए उकसाने को रोकने के लिए यह छूट नहीं दी जा सकती है. मसौदे के तहत, ऐसे किसी मामले में सरकार संदेश को इंटरसेप्ट कर सकती है या उस पर पूछताछ भी की जा सकती है. ऐसे मामलों को देखने के लिए सरकार की ओर से अधिकारी भी अधिकृत किए जाएंगे.