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धर्म

Navratri 2022: किस दिन मनाई जाएगी दुर्गा अष्टमी? जानिए महत्व और पूजा का शुभ मुहूर्त

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Navratri 2022 : शारदीय नवरात्रि में दुर्गा अष्टमी का विशेष महत्व है और इसे महाअष्टमी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन महागौरी का पूजन किया जाता है और घर में सुख-शांति की कामना की जाती है.

Navratri 2022: हिंदू धर्म में वैसे तो 4 बार नवरात्रि का त्योहार आता है लेकिन इनमें से शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व है. इस दौरान लोग मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए 9 दिनों तक व्रत-उपवास करते हैं और अलग-अलग तरीके से माता की अराधना करते हैं. इसके बाद अष्टमी या नवमी के दिन कंजकों को भोजन कराने के बाद व्रत खोला जाता है. (Durga Ashtami 2022 Kab Hai) इसलिए नवरात्रि में अष्टमी व नवमी का भी काफी महत्व है. नवरात्रि की अष्टमी तिथि को दुर्गा अष्टमी या महानवमी कहते हैं. आइए जानते हैं इस बार कब है अष्टमी और इसका महत्व.

नवरात्रि 2022 अष्टमी कब है?

शारदीय नवरात्रि में दुर्गा अष्टमी यानि महाअष्टमी तिथि 2 अक्टूबर को शाम 6 बजकर 47 मिनट पर शुरू होगी और 3 अक्टूबर को शाम 4 बजकर 37 मिनट पर समाप्त होगी. अष्टमी की पूजा 3 अक्टूबर 2022, सोमवार को की जाएगी. जिन लोगों ने केवल पहला व आखिरी व्रत किया है और उनके घरों में अष्टमी का पूजन होता है तो उन्हें सप्तमी तिथि के दिन व्रत करना होगा.

दुर्गा अष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त

दुर्गा अष्टमी के दिन रवि योग और शोभन योग बन रहे हैं, ये दोनों ही योग मांगलिक कार्यों के लिए काफी शुभ होते हैं. इस दिन रवि योग देर रात 12 बजकर 25 मिनट से लेकर अगले दिन सुबह 6 बजकर 15 मिनट तक रहेगा. जबकि शोभन योग सुबह से लेक दोपहर 2 बजकर 22 मिनट तक रहेगा.

दुर्गा अष्टमी का महत्व

  • दुर्गा अष्टमी के दिन मां दुर्गा के महागौरी स्वरूप का पूजन किया जाता है और इस दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व है. कन्या पूजन के लिए 2 से लेकर 10 वर्ष की कन्याओं को भोजन कराया जाता है.
  • कहते हैं कि अष्टमी तिथि के दिन कन्या पूजन करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और भक्तों का आशीर्वाद देती हैं. क्योंकि कन्याओं का मां दुर्गा का स्वरूप माना जाता है.
  • कुछ लोग दुर्गा अष्टमी के दिन हवन भी करवाते हैं और मान्यता है कि इससे घर का वातारण शुद्ध होता है. साथ ही घर में यदि कोई नकारात्मकता है तो वह भी समाप्त होती है.
  • हवन करते समय नवग्रहों का भी पूजन किया जाता है और ऐसा करने से ग्रह दोष शांत होते हैं.
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