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Small Savings Scheme: किसान विकास पत्र पर मिला दोहरा लाभ, ब्याज दरों में हुआ इजाफा, टैन्योर घटा

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किसान विकास पत्र (Kisan Vikas Patra) में निवेश करने वालों को सरकार के इस कदम से दोहरा फायदा होगा. एक तो उन्‍हें अब 6.9 फीसदी की जगह 7 फीसदी ब्‍याज मिलेगा. वहीं, पहले किसान विकास पत्र में निवेश 124 महीने में मैच्‍योर होता था वो अब यह 123 महीने में मैच्योर होगा.

नई दिल्‍ली. केंद्र सरकार ने तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) के लिए कई स्माल सेविंग स्कीम (Small Savings Scheme) की ब्‍याज दरों में बढ़ोतरी की है. 1 अक्टूबर से शुरू होने वाली तिमाही के लिए ब्याज दर में 30 बेसिस प्वाइंट तक की बढ़ोतरी की है. जिन स्‍मॉल सेविंग स्‍कीम्‍स का ब्‍याज बढ़ाया गया है, उनमें किसान विकास पत्र भी शामिल है. सरकार वरिष्ठ नागरिक बचत योजना के लिए ब्याज दर 7.4% से बढ़ाकर 7.6% कर दिया है तो किसान विकास पत्र पर भी 6.9% से ब्‍याज बढ़ाकर 7 फीसदी किया है.

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किसान विकास पत्र में निवेश करने वालों को सरकार के इस कदम से दोहरा फायदा होगा. एक तो उन्‍हें अब 6.9 फीसदी की जगह 7 फीसदी ब्‍याज मिलेगा. वहीं, पहले किसान विकास पत्र में निवेश 124 महीने में मैच्‍योर होता था वो अब यह 123 महीने में मैच्योर होगा. किसान विकास पत्र में मिलने वाला शानदार रिटर्न और इसमें लगाए पैसे के सुरक्षित रहने के कारण इसमें बड़ी संख्‍या में लोग पैसा लगाते हैं.

कौन कर सकता है निवेश?

किसान विकास पत्र में 18 साल या उससे अधिक उम्र का कोई भी भारतीय नागरिक निवेश कर सकता है. इसकी खास बात है कि इस योजना में 1000 रुपये से ही निवेश शुरू किया जा सकता है. इसका एक फायदा यह भी है कि इसमें निवेश की कोई सीमा नहीं है. यानी इसमें कितना भी पैसा निवेश किया जा सकता है. किसान विकास पत्र में 10 साल से कम उम्र के नाबालिग का खाता भी खुलवाया जा सकता है, परंतु यह काम किसी व्‍यस्‍क को ही करना होगा.

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नहीं मिलती टैक्‍स छूट

पोस्ट ऑफिस की इस स्कीम में निवेश करने पर इनकम टैक्स छूट नहीं मिलती. इसमें निवेश की गई राशि और उस पर मिले ब्‍याज पर निवेशक को अपने टैक्‍स स्‍लैब के अनुसार ही इनकम टैक्‍स देना होता है. हालांकि, इस स्कीम में TDS की कटौती नहीं की जाती है.

मैच्‍योरिटी से पहले निकासी संभव

अगर कोई व्‍यक्ति किसान विकास पत्र खरीदने के  1 वर्ष के अंदर उन्‍हें वापस करता है तो उसे ब्याज नहीं मिलेगा. साथ ही उसको जुर्माना भी देना होगा. अगर निवेशक के तहत ढाई साल के बाद निकासी की जाती है तो उसे कोई जुर्माना नहीं देना होगा और साथ ही निवेशक को पूरा ब्‍याज भी दिया जाता है.

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