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Free Ration: करोड़ों गरीबों के लिए प्रधानमंत्री की फायदे वाली स्कीम, फ्री में मिलेगा अनाज, फटाफट चेक करें डिटेल्स

Ration Card: कोरोना वायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिए देशव्यापी ‘लॉकडाउन’ से प्रभावित गरीबों को राहत देने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना अप्रैल, 2020 में तीन महीने के लिए लाई गई थी. पीएमजीकेएवाई को कई बार बढ़ाया गया है.

Free Ration For Poor: गरीबों के कल्याण के लिए सरकार की ओर से कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. इनमें सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं से लेकर गरीबों को राशन उपलब्ध करवाने तक की योजनाएं चला रही है. वहीं केंद्र सरकार की ओर से गरीबों को मुफ्त में राशन भी मुहैया करवाया जा रहा है. इस बीच सरकार की ओर से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) को तीन महीने यानी दिसंबर, 2022 तक बढ़ा दिया है. इस योजना के जरिए सरकार करोड़ों गरीब लोगों को काफी मदद पहुंचा रही है और फ्री राशन उपलब्ध करवाया जा रहा है. इस योजना की कुछ खास बातें भी हैं.

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फ्री राशन

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (NFSA) के तहत आने वाले करीब 80 करोड़ गरीबों को बिना किसी लागत के प्रति व्यक्ति पांच किलो खाद्यान्न (चावल और गेंहू) अतिरिक्त दिया जाता है. कोरोना वायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिए देशव्यापी ‘लॉकडाउन’ से प्रभावित गरीबों को राहत देने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना अप्रैल, 2020 में तीन महीने के लिए लाई गई थी. पीएमजीकेएवाई को छह बार बढ़ाया गया है.

करोड़ों लोगों को लाभ

इनमें पहला चरण: अप्रैल-जून 2020 था. दूसरा चरण: जुलाई-नवंबर 2020 था. पहले चरण में अप्रैल-जून के दौरान 19.4 करोड़ लाभार्थी परिवारों को एक किलो दाल भी दी गई. दूसरे चरण में एक किलो चना भी प्रति व्यक्ति दिया गया. कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के बाद योजना फिर से पेश की गई. तीसरा चरण: मई-जून 2021 था. इस चरण से दाल का वितरण बंद कर दिया गया. चौथा चरण: जुलाई-नवंबर 2021 था.

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इतना रहा खर्च

इसके बाद पांचवां चरण: दिसंबर 2021 से मार्च 2022 तक, छठा चरण: अप्रैल-सितंबर 2022 तक, सातवां चरण: अक्टूबर-दिसंबर 2022 तक था. पहले से छठे चरण में योजना के तहत कुल खर्च 3.45 लाख करोड़ रुपये रहा. सातवें चरण में 1.22 करोड़ टन गेहूं और चावल का आवंटन किया गया है. इस पर 44,762 करोड़ रुपये का खर्च अनुमानित है. पूरे सातों चरण में खर्च 3.91 लाख करोड़ रुपये जबकि खाद्यान्न आवंटन 11.21 करोड़ टन रहा.

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