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सरकार ने समय पर लिया फैसला जिसके कारण खाने-पीने का सामान सस्ता हुआ, Edible Oil ने बचाई जान

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डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स ने कहा कि सरकार ने समय पर उचित फैसल लिया जिसके कारण इस फेस्टिव सीजन एडिबल ऑयल, दाल, टमाटर, प्याज समेत खाने-पीने के अन्य सामान के दाम कंट्रोल में हैं.

मिनिस्ट्री ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स ने कहा कि सरकार की तरफ से त्वरित कदम उठाए जाने के कारण जरूरी कमोडिटी की कीमत कंट्रोल में है. पिछले साल के मुकाबले इस साल फेस्टिव सीजन में खाने के तेल का भाव कम है. इंपोर्ट ड्यूटी में जारी छूट  की समय सीमा बढ़ाने से रिटेल भाव में और गिरावट देखने को मिलेगी. इसके अलावा चना दाल, प्याज, आलू,  टमाटर और चाय समेत खाने-पीने की तमाम चीजों के दाम  भी कंट्रोल में हैं. सरकार का फोकस फूड कमोडिटी पर रहा है, जिसके कारण खाने-पीने के सभी सामान पिछले साल के मुकाबले सस्ते हैं.

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दिसंबर तक चलेगा फेस्टिव सीजन

ट्रेंड के मुताबिक, अगस्त से फेस्टिव सीजन की शुरुआ हो जाती है जो दिसंबर तक रहती है. इस दौरान खाने-पीने के तेल के भाव में तेजी रहती है. 2020 में फेस्टिव सीजन में खाने के तेल के भाव में 7-12 फीसदी की तेजी थी. 2019 में यह 3-8 फीसदी के दायरे में था. इस साल की स्थिति कुछ और रही. फेस्टिव सीजन में एडिबल ऑयल की कीमत में 2-9 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है.

इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती की सीमा बढ़ाई गई

पिछले दो महीने में डोमेस्टिक रिटेल रिफाइन्ड सनफ्लावर ऑयल  की कीमत घटकर 168 रुपए पर पहुंच गई है जो पहले 187 रुपए थी. रिफाइन्ड सोयाबिन ऑयल की कीमत 158 रुपए से घटकर 150 रुपए पर पहुंच गई. RBD पामोलिन ऑयल की औसत कीमत 138 रुपए से घटकर 121 रुपए पर पहुंच गई. कीमत में कमी का बड़ा कारण है कि सरकार ने एडिबल ऑयल की इंपोर्ट पर ड्यूटी को घटाया है. पिछले दिनों इसकी समय सीमा बढ़ाकर 31 मार्च 2023 तक कर दी गई थी.

खाने के तेल के भाव में कितनी गिरावट आई

बीते पांच महीने में RBD पामोलिन, रिफाइन्ड सोयाबिन ऑयल, रिफाइन्ड सनफ्लावर ऑयल और मस्टर्ड ऑयल की कीमत में औसतन 23 फीसदी, 12 फीसदी 13 फीसदी और 8 फीसदी की कमी आई है. वहीं होलसेल कीमत में 25 फीसदी, 13 फीसदी, 14 फीसदी और 9 फीसदी की गिरावट आई है.

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फूड कमोडिटी प्राइस को लेकर सरकार सतर्क

जियो-पॉलिटिकल सिचुएशन को ध्यान में रखते हुए सरकार फूड कमोडिटी की कीमत को लेकर ज्यादा सतर्क है और क्राइसिस आने से पहले फैसला ले रही है. डिपार्टमेंट ऑफ फूड एंड पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन में एक  कमिटी का गठन किया गया है जो लगातार कीमत पर नजर रखती है. इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती इसी दिशा में उठाया गया कदम है.

किस सामान का भाव कितना गिरा?

इसके अलावा दाल पर सेस घटाना, स्टॉकिंग लिमिट तय करना, प्याज और दाल का बफर स्टॉक तैयार करने जैसे महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं. पिछले नौ महीने की कीमत पर गौर करें तो चना दाल की कीमत में 3 रुपए, प्याज की कीमत में 10 रुपए, टमाटर की कीमत में 5 रुपए, चाय की कीमत में 7 रुपए की गिरावट आई है. पिछले साल के मुकाबले चना दाल की कीमत में 5 रुपए और प्याज की कीमत में 5 रुपए की गिरावट आई है.

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