ऑनलाइन पेमेंट की बढ़ती संख्या को देख कर ठगों ने भी ठगी के नए तरीके निकाले हैं. इसलिए UPI का इस्तेमाल करते समय यूजर्स को बेहद सचेत रहने की चेतावनी बार-बार सरकार और बैंकों दोनों की तरफ से दी जाती है.
पिछले कुछ सालों में UPI की फैसिलिटी का जमकर यूज किया गया है. खासतौर पर covid के दौरान कैशलैस पैसों के लेन-देन ने सारे रिकॉर्ड तोड़े. यूपीआई से पेमेंट इतना आसान हो गया कि सब्जी लेने से लेकर इलेक्ट्रॉनिक्स सामान लेने तक यूजर्स ने इसका हर जगह इस्तेमाल करना शुरू किया है. जिसने वाकई में जिंदगी को पहले से कई गुना आसान बना दिया है. लेकिन इस बात को भी नकारा नहीं जा सकता कि ऑनलाइन पेमेंट की बढ़ती संख्या को देख कर ठगों ने भी ठगी के नए तरीके निकाले हैं. इसलिए UPI का इस्तेमाल करते समय यूजर्स को बेहद सचेत रहने की चेतावनी बार-बार सरकार और बैंकों दोनों की तरफ से दी जाती है. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने कुछ ऐसे सुझाव दिए हैं जिसे जानना हर यूजर के लिए बेहद जरूरी है. SBI द्वारा यूपीआई सेफ्टी के लिए कुछ टिप्स शेयर किए गए हैं.
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इन बातों का रखें ध्यान
1. ध्यान रखें अमाउंट रिसीव करते समय किसी भी तरह UPI पिन दर्ज करने की जरुरत नहीं होती है. पिन आप सिर्फ पेमेंट करते समय ही दर्ज करते हैं. इसलिए अगर कोई आपको फोन के जरिए या अन्य तरीकों से ऐसा करने को कहे तो सावधान हो जाएं.
2. जिस पार्टी को आप पैसा भेज रहे हैं उसकी पहचान करें और वेरीफाई करें. नाम, नंबर और डिटेल्स पूरी तरह से वेरीफाई कर लें.
3. किसी भी अनजान पेमेंट को एक्सेप्ट न करें .
4. किसी के भी साथ अपना upi पिन शेयर न करें. ये एक बेहद सेंसिटिव चीज है.
5. जब भी QR कोड स्कैन करें तो आगे बढ़ने से पहले पैसा रिसीव करने वाली पार्टी को सत्यापित करें और डिटेल्स ध्यान से पढ़ें.
6. अपना upi पिन नियमित रूप से बदलें. अनजान जगहों पर ध्यान से UPI पिन दर्ज करें.
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covid के बाद बढ़े ट्रांजैक्शन
आपको बता दें कि covid के बाद से और खासतौर पर 4G नेटवर्क की रीच ने UPI ट्रांजैक्शन में इजाफा किया है. ग्रामीण इलाकों में भी यूपीआई से पेमेंट के आंकड़ों में तेजी देखी गई है. बता दें कि नेशनल पमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के डाटा के अनुसार, UPI से अगस्त माह के दौरान 10.7 ट्रिलियन रुपये का ट्रांजैक्शन किया गया है.