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दुनिया

China: चीन में आर्थिक मंदी से घटी अमीरों की संपत्ति, मिल रहे अर्थव्यवस्था के लिए अशुभ संकेत

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पहले कोरोना वायरस और अब रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर काफी प्रभाव पड़ा है, जिससे चीन भी अछूता नहीं है। रिपोर्ट्स के मुताबिक आर्थिक मंदी के कारण चीन के अमीर व्यक्तियों की संपत्ति में गिरावट आई है। पिछले साल की तुलना में समृद्ध चीनी व्यक्तियों की संख्या में 11 फीसदी की कमी आई है और उनकी कुल संपत्ति 18 फीसदी तक घटी है।

मंगलवार को जारी हुरुन रिसर्च इंस्टीट्यूट की नई रिपोर्ट में बताया गया है कि संपन्न चीनी व्यक्तियों की संख्या पिछले साल की तुलना में 11 फीसदी तक कम है। उनकी कुल संपत्ति भी साल-दर-साल 18 फीसदी घटकर 24.5 खरब युआन हो गई है। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि पांच अरब युआन की न्यूनतम व्यक्तिगत संपत्ति वाले कुल 1,305 व्यक्तियों ने हुरुन चाइना रिच लिस्ट 2022 में नाम जोड़ा गया है।

टिकटॉक के संस्थापक की संपत्ति में गिरावट

हुरुन चाइना रिच लिस्ट 2022 में बोतलबंद पानी कंपनी नोंगफू स्प्रिंग के संस्थापक झोंग शानशान दूसरी बार फिर से सूची में सबसे ऊपर हैं, इसके बाद बाइटडांस (टिकटॉक) के संस्थापक झांग यिमिंग और सीएटीएल के संस्थापक जेंग युकुन हैं। हालाँकि झांग यिमिंग ने भले ही सूची में दूसरा स्थान हासिल किया हो, लेकिन उनकी संपत्ति 28 प्रतिशत गिरकर 35 अरब अमेरिकी डॉलर हो गई।

293 लोग अमीरों की सूची से बाहर हो गए

चीन में लिथियम आयन बैटरी बनाने वाली कंपनी के मालिक जेंग युकुन की संपत्ति में भी करीब 28 फीसदी की गिरवाट दर्ज की गई है। अब उनकी संपत्ति 32.9 अरब डॉलर है। रिपोर्ट के मुताबिक इस वर्ष केवल 411 उद्यमियों ने अपनी संपत्ति में वृद्धि देखी, जिनमें से 133 नए चेहरे थे। इस साल कम से कम 1,187 उद्यमियों की संपत्ति में कमी आई और 293 अमीरों की सूची से बाहर हो गए।

रूस-यूक्रेन से बढ़ी समस्याएं, लोग मंदी का सामना कर रहे

हुरुन रिपोर्ट के अध्यक्ष और मुख्य शोधकर्ता रूपर्ट हुगवेरफ के अनुसार, अमीरों की कुल संख्या और कुल संपत्ति दोनों में 24 वर्षों में हुरुन चीन रिच लिस्ट में यह सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। उनका कहना है कि रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण वैश्विक आर्थिक मंदी, तकनीकी सामानों को लेकर तेज गिरावट दर्ज कई गई और साथ ही कोरोना वायरस भी एक बड़ी वजह है।

फाइनेंशियल पोस्ट के अनुसार, चीनी अर्थव्यवस्था गंभीर रूप से दबाव और आर्थिक समस्याओं का सामना कर रही है और यह जल्दी ही ठीक होने वाली नहीं है। कोविड -19 के प्रकोप और लॉकडाउन के बीच चीन में हालात काफी बदतर हो गए हैं, लोग मंदी का सामना कर रहे हैं। रूस-यूक्रेन के बीच हो रहे युद्ध से चीन पर काफी नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। वहीं चीन में यूरोपीय कॉर्पोरेट निवेश सुस्त हो रहा है क्योंकि देश के रियल एस्टेट बाजार में गिरावट आ रही है। 

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