शिमला. हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनावों के दौरान बेरोजगारी का मुद्दा बड़े जोर-शोर से उठा. युवाओं को लुभाने के लिए सभी राजनीतिक दलों ने रोजगार के अवसर प्रदान करने के दावे और वादे किए हैं. बेरोजगारी के नाम पर खूब शोर मचा. इस बीच जो आंकड़े सामने आए हैं वह काफी चौंकानेवाले हैं.
श्रम एवं रोजगार विभाग की एक अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2022 की वार्षिक रिपोर्ट बताती है कि प्रदेश में बीते एक साल के भीतर 2 लाख 14 हजार 181 नए बेरोजगार सामने आए हैं. 12 जिलों में श्रम एवं रोजगार विभाग के कार्यालयों में इतने युवाओं ने अपना पंजीकरण करवाया है. वर्तमान में प्रदेश में कुल पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या 8 लाख 77 हजार 307 पहुंच गई है.
इन आंकड़ों के अनुसार प्रदेशभर में 1 लाख 41 हजार 479 ग्रेजुएट तो 76 हजार 388 पोस्ट ग्रेजुएट बेरोजगार हैं. अंडर ग्रेजुएट पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या 6 लाख 28 931 है. अंडर मैट्रिक 30 हजार 126 तो 433 अनपढ़ों ने भी अपना नाम बेरोजगारों के रजिस्टर में दर्ज करवाया है.
जातिगत आधार पर देखें तो अनुसूचित जाति के 2 लाख 29 हजार 631, अनुसूचित जनजाति के 50 हजार 651, ओबीसी वर्ग के 1 लाख 13 हजार 854 और अन्य 4 लाख 83 हजार 171 लोग सरकारी कागजों में पंजीकृत हैं. लिंग के आधार पर देखें तो इनमें से 4 लाख 88 हजार 740 पुरूष और 3 लाख 88 हजार 567 महिलाएं बेरोजगार हैं.
जाहिर है छोटे से प्रदेश हिमाचल में ये बहुत बड़ा आंकड़ा है. 8 लाख 77 हजार 307 तो वो हैं जिनका सरकारी कागजों में नाम दर्ज है, और कितने हैं इसके बारे में फिलहाल जानकारी नहीं है.