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Budget 2023-24: बजट 2023 में सरकार कर सकती है बड़ा बदलाव, जानिए टैक्सपेयर्स पर क्या होगा असर

Union Budget 2023-24: इस बार आम बजट 2023-24 ऐसे समय में पेश होने जा रहा है, जब कई तरह की आर्थिक चुनौतियां मौजूद हैं. आगामी बजट 2023 में इक्विटी शेयर, बॉन्ड और अचल संपत्ति पर लगने वाले पूंजी लाभ कर में बदलाव किए जाने की उम्मीद जतायी जा रही है.

नई दिल्ली. Union Budget 2023-24: इस बार आम बजट 2023-24 ऐसे समय में पेश होने जा रहा है, जब कई तरह की आर्थिक चुनौतियां मौजूद हैं. आगामी बजट 2023 में इक्विटी शेयर, बॉन्ड और अचल संपत्ति पर लगने वाले पूंजी लाभ कर में बदलाव किए जाने की उम्मीद जतायी जा रही है. एक अधिकारी ने कहा कि कर की विभिन्न दरों और संपत्ति रखने की अवधि में अंतर को दूर करने के लिये यह कदम उठाये जाने की संभावना है. अधिकारी ने बताया कि अगले वित्त वर्ष के बजट में पूंजी लाभ कर में बदलाव की संभावना है.

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केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अध्यक्ष नितिन गुप्ता ने कहा कि बजट 2023-24 में पूंजीगत लाभ कर में बदलाव की घोषणा की उम्मीद है. हालांकि, उन्होंने कैपिटल गेन टैक्स स्ट्रक्चर में बदलाव के बारे में ब्योरा नहीं दिया, जिस पर वित्त मंत्रालय फैसला कर सकता है. उन्होंने कहा कि ‘‘यह बजट प्रक्रिया का हिस्सा है. इसके बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता है.’’

जानिए वर्तमान में क्या है व्यवस्था

वर्तमान में, पूंजीगत लाभ कर व्यवस्था यह होल्डिंग अवधि निर्धारित करती है कि संपत्ति बेचने के समय किए गए लाभ अल्पकालिक हैं या दीर्घकालिक. परिसंपत्ति वर्ग के आधार पर होल्डिंग अवधि और कर की दर अलग-अलग होती है. कुछ संपत्तियों के लिए, लंबी अवधि के पूंजीगत लाभ पर इंडेक्सेशन के लाभ या मुद्रास्फीति के लिए लेखांकन के बिना कर लगाया जाता है, जिसे सरकार को संशोधित करना चाहिए. आयकर कानून के तहत पूंजीगत संपत्तियां चल और अचल दोनों की बिक्री से होने वाला लाभ पूंजी लाभ कर की श्रेणी में आता है.

हालांकि कानून में कार, परिधान और फर्नीचर जैसी व्यक्तिगत चल संपत्तियों को बाहर रखा गया है. अधिकारी ने बताया कि विभिन्न पक्षों से मिले सुझावों पर गौर किया जा रहा है. फिलहाल एक साल से अधिक समय तक शेयर रखने पर उस पर होनेवाले दीर्घकालीन पूंजीगत लाभ पर 10 प्रतिशत कर लगता है. वहीं बॉन्ड और अचल संपत्ति क्रमश: तीन साल और दो साल रखने की स्थिति में पूंजीगत लाभ पर कर की दर 20 प्रतिशत है.

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बता दें कि वित्त मंत्रालय ने अन्य लोगों के बीच उद्योग संघों सहित विभिन्न हितधारकों के साथ अपनी पूर्व-बजट बैठकें शुरू कर दी हैं. भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) ने भारतीय अर्थव्यवस्था में खपत को बढ़ावा देने के लिए व्यक्तिगत आयकर दरों को कम करने की मांग की है.

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बजट-पूर्व बैठकों के बाद 2023-24 के लिए बजट अनुमानों को अस्थायी तौर पर अंतिम रूप दे दिया जाएगा. ये बैठकें ऐसे समय होने जा रही हैं जबकि कई संस्थानों मसलन भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और विश्व बैंक (World Bank) ने भारत के वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर क्रमश: 7 प्रतिशत और 6.5 प्रतिशत कर दिया है. चुनावी साल में सरकार सीमित अवधि के लिए लेखानुदान पेश करती है. उसके बाद बजट जुलाई में पेश किया जाता है. वित्त वर्ष 2023-24 का बजट एक फरवरी, 2023 को पेश किए जाने की उम्मीद है.

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