ग्रंथ पुराणों में हनुमान जी और शनि देव से जुड़े कई प्रसंग मिलते हैं, जिसमें शनिदेव के प्रकोप को हनुमान जी ने शांत किया है. हनुमान जी से बचने के लिए शनिदेव को स्त्री का रूप धारण करना पड़ा था.
Hanuman Shani Dev Story: धार्मिक मान्यताओं में शनि देव का प्रकोप बेहद भयंकर बताया गया है. शनि देव के कोप से व्यक्ति के बुरे दिन शुरू हो जाते हैं. व्यक्ति को जीवन में बहुत तरह के कष्टों को सहना पड़ता है, इसलिए ज्योतिषी शनिदेव के प्रकोप से बचने के लिए हनुमान जी की उपासना करने को कहते हैं. ग्रंथ पुराणों में हनुमान जी और शनि देव से जुड़े कई प्रसंग मिलते हैं, जिसमें शनिदेव के प्रकोप को हनुमान जी ने शांत किया है. एक बार तो हनुमान जी से बचने के लिए शनिदेव को स्त्री का रूप धारण करना पड़ा था. तो चलिए पंडित इंद्रमणि घनस्याल से जानते हैं शनिदेव और हनुमान जी की ये रोचक कथा.
शनि देव के स्त्री बनने की कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, एक समय शनिदेव का कोप काफी बढ़ गया था. इससे प्राणियों में हाहाकार की स्थिति बन गई थी. सभी ने बजरंगबली हनुमान जी की उपासना शुरू कर दी और शनिदेव के कोप को शांत करने की प्रार्थना की. संकटमोचन हनुमान जी भक्तों की पीड़ा देखकर शनिदेव पर क्रोधित हो गए. इसके बाद शनिदेव से युद्ध के लिए निकल पड़े. जब इस बात का पता शनिदेव को चला तो वह काफी भयभीत हो गए, जिसके बाद हनुमानजी से बचने के लिए शनिदेव ने स्त्री रूप धारण कर लिया.
स्त्रियों के प्रति विशेष आदर और सम्मान
जैसा कि हनुमान जी स्त्रियों के लिए बड़ा आदर और सम्मान का भाव रखते हैं. शनिदेव को भी यह बात पता थी कि हनुमान जी ब्रह्मचारी हैं और वे स्त्रियों पर हाथ नहीं उठाते, इसलिए शनिदेव ने स्त्री का रूप धारण कर लिया. इसके बाद जब हनुमान जी वहां पहुंचे तो स्त्री रूप में शनिदेव उनके चरणों में गिर कर क्षमा मांगने लगे और अपना प्रकोप शांत कर लिया. इसलिए शास्त्रों में कहा गया है कि शनिदेव की तिरछी नजर का प्रकोप शांत करने के लिए हनुमान जी की पूजा अर्चना करनी चाहिए. हनुमान जी उपासना से सभी कष्ट दूर होते हैं और सुख शांति बनी रहती है.