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Railways: आगामी बजट में रेलवे कर सकता है 1.5 लाख करोड़ रुपये की मांग, 300-400 नई वंदे भारत ट्रेनों की घोषणा की उम्मीद

देश के सबसे बड़े ट्रांसपोर्ट माध्यम रेलवे के पूंजीगत व्यय के लिए सकल बजटीय समर्थन (GBS) आय के मुख्य स्रोतों में से एक है. यह पीपीपी मॉडल के जरिए रेलवे में निजी निवेश को बढ़ाने के अलावा समर्पित शाखा IRFC और बहुपक्षीय एजेंसियों सहित अन्य स्रोतों और मार्केट से उधार लेता है.

नई दिल्ली. रेलवे आगामी वित्त वर्ष 2023-24 के लिए लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपये के सकल बजटीय समर्थन (Gross Budgetary Support) की मांग कर सकता है. यह चालू वित्त वर्ष के बजट के व्यय से 1.37 ट्रिलियन रुपये ज्यादा है. आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, रेलवे अपनी सेवाओं के विस्तार और बेहतरी के लिए ज्यादा बजट की मांग करेगा.

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देश के सबसे बड़े ट्रांसपोर्ट माध्यम रेलवे के पूंजीगत व्यय के लिए सकल बजटीय समर्थन (GBS) आय के मुख्य स्रोतों में से एक है. यह पीपीपी मॉडल के जरिए रेलवे में निजी निवेश को बढ़ाने के अलावा समर्पित शाखा IRFC और बहुपक्षीय एजेंसियों सहित अन्य स्रोतों और मार्केट से उधार लेता है. केंद्रीय बजट से रेलवे परियोजनाओं में निवेश चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 91% बढ़कर 88,548 करोड़ रुपये हो गया.

नई ट्रेनों की घोषणा की उम्मीद

अपने रोलिंग स्टॉक को आधुनिक बनाने की भारतीय रेलवे की योजना के तहत 2023-24 के बजट में लगभग 300 से 400 वंदे भारत ट्रेनों की घोषणा किए जाने की उम्मीद है. यह इस वर्ष घोषित ऐसी 400 ट्रेनों के रेलवे बेड़े में शामिल है. वित्त वर्ष 2023-24 में लगभग 100 वंदे भारत ट्रेनों के निर्माण की भी उम्मीद है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2022-23 में घोषणा की थी कि अगले तीन वर्षों के दौरान 400 नई पीढ़ी की वंदे भारत ट्रेनों का विकास और निर्माण किया जाएगा.

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नया ट्रेक बिछाने के साथ ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने की तैयारी

रेल मंत्री ने कहा था कि 2022-23 में सुरक्षा और क्षमता वृद्धि के लिए स्वदेशी विश्व स्तरीय तकनीक कवच के तहत 2,000 किलोमीटर का नेटवर्क लाया जाएगा. भारतीय रेलवे अगले 20 से 25 वर्षों में लगभग 100,000 किलोमीटर का नया ट्रैक बिछाने के साथ-साथ धीरे-धीरे ट्रेनों की अधिकतम गति को 160 किलोमीटर प्रति घंटे तक बढ़ाने के लिए महत्वाकांक्षी रोड मैप भी तैयार कर रहा है. सूत्रों का कहना है कि रेलवे स्वचालित सिग्नलिंग और कवच नामक स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली के विस्तार के साथ-साथ नई लाइनें बिछाने पर भी ध्यान केंद्रित करेगा.

2024 में स्लीपर वंदे भारत शुरू होने की संभावना

स्लीपर वंदे भारत ट्रेन के 2024 की शुरुआत में शुरू होने की संभावना है. वंदे भारत ट्रेनों का सीरियल उत्पादन इस साल अक्टूबर से शुरू हो गया है और हमें जनवरी या फरवरी 2023 तक उत्पादन में तेजी आने की उम्मीद है. रेलवे 2026 तक स्वदेशी रूप से विकसित सेमी हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेनों के निर्यातक बनने की भी उम्मीद कर रहा है और ट्रेन के मानक गेज संस्करण पर भी काम कर रहा है.

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