प्रसिद्ध आलोचक और गीतकार डॉ. ओम निश्चल, राकेश कुमार सिंह, डॉ. विनीता परमार और कवयित्री डॉ. अलका प्रकाश को “श्रेष्ठ कृति पुरस्कार योजना” से सम्मानित किया गया है. हिंदी साहित्य जगत के प्रसिद्ध प्रकाशन समूह रुद्रादित्य प्रकाशन ने “श्रेष्ठ कृति पुरस्कार योजना 2022” से साहित्य की विभिन्न विधाओं के लिए इन साहित्यकारों को सम्मानित किया.
प्रयागराज स्थित हिंदुस्तानी अकादमी में आयोजित सम्मान समारोह में हिंदी के सुपरिचित कवि आलोचक डॉ. ओम निश्चल की कृति “चर्चा की गोलमेज पर अरुण कमल” के लिए डा. रामस्वरूप चतुर्वेदी स्मृति आलोचना सम्मान प्रदान किया गया. राकेश कुमार सिंह को उनके उपन्यास ‘महासमर की सांझ’ के लिए फणीश्वर नाथ रेणु स्मृति उपन्यास सम्मान, डॉ. विनीता परमार को उनकी कथा कृति ‘तलछट की बेटियां’ के लिए कमलेश्वर स्मृति कहानी सम्मान और कवयित्री डॉ. अलका प्रकाश को ‘देह और प्रज्ञा के बीच’ काव्यकृति के लिए स्नेहमयी चौधरी स्मृति कविता सम्मान प्रदान किया गया.
सम्मान समारोह की मुख्य अतिथि लखनऊ विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति प्रो. रूपरेखा वर्मा ने कहा कि यह वह समय है जब देश में जाति, वर्ग, धर्म के नाम पर विभाजन दर विभाजन किए जा रहे हैं. जनता धर्म, जाति और वर्ण के कुचक्र में फंसी है. ऐसे में कवि, लेखक और साहित्यकारों पर बड़ी जिम्मेदारी आ जाती है. समाज को सही राह दिखाने के लिए साहित्य ने हमेशा अहम भूमिका निभाई है.
डॉ. अलका प्रकाश को उनकी कृति ‘देह और प्रज्ञा के बीच’ के लिए उन्हें ‘स्नेहमयी चौधरी स्मृति कविता सम्मान’ से सम्मानित किया गया.
प्रसिद्ध कवि नरेश सक्सेना ने कहा कि लेखक ही टूटते लोकतंत्र को अपनी रचनाओं से बचा सकते हैं. जाने-माने कथाकार विभूति नारायण राय ने कहा कि आज के लेखक अपने उत्तरदायित्व के प्रति सजग हैं और आज के लेखकों की पक्षधरता ही भविष्य के लोकतंत्र की बुनियाद मजबूत करेगी.
इस अवसर पर पुरस्कृत लेखकों की कृतियों पर प्रियदर्शन मालवीय, डॉ. कुमार वीरेंद्र, राकेश बिहारी और डॉ. धीरेंद्र पटेल ने अपने वक्तव्य दिए तथा लेखकों की कृतियों के कथ्य और अंतर्वस्तु की सराहना की. सम्मान समारोह का संचालन जाने माने कवि यश मालवीय ने किया.
डॉ. विनीता परमार को उनकी रचना ‘तलछट की बेटियां’ के लिए सम्मानित किया गया.
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया. कवि सम्मेलन की अध्यक्षता सुपरिचित कवि हरीश चंद्र पांडे ने की. काव्य गोष्ठी में नरेश सक्सेना, ओम निश्चल, यश मालवीय, सुरेंद्र विक्रम सिंह, राकेश बिहारी, विनीता परमार, अलका प्रकाश, प्रकर्ष मालवीय, अंशु मालवीय, केतन यादव, श्रीरंग और प्रियदर्शन मालवीय ने अपनी-अपनी कविताएं सुनाईं. काव्य पाठ सत्र का संचालन संध्या नवोदिता ने किया.
डॉ. ओम निश्चल
पुरस्कृत रचनाकार डॉ. ओम निश्चल हिंदी के सुधी आलोचक कवि, गीतकार, निबंधकार एवं भाषाविद हैं. ओम निश्चल की ‘शब्दों से गपशप’, ‘भाषा की खादी’, ‘शब्द सक्रिय हैं’, ‘मेरा दुख सिरहाने रख दो’, ‘खुली हथेली और तुलसीगंध’, ‘कविता के वरिष्ठ नागरिक’, ‘कुंवर नारायण: कविता की सगुण इकाई’, ‘समकालीन हिंदी कविता: ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य’, ‘कवि विवेक जीवन विवेक’, ‘चर्चा की गोलमेज पर अरुण कमल’ व कुंवर नारायण पर संपादित कृतियों ‘अन्वय’ एवं ‘अन्विति’ सहित उनकी पचास से ज्यादा कृतियां प्रकाशित हो चुकी हैं.
ओम निश्चल हिंदी अकादमी, दिल्ली के युवा कविता पुरस्कार, आलोचना के लिए उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के आचार्य रामचंद शुक्ल आलोचना पुरस्कार, जश्ने अदब द्वारा शाने हिंदी खिताब, कोलकाता के विचार मंच द्वारा प्रोफेसर कल्याणमल लोढ़ा साहित्य सम्मान, यूको बैंक के अज्ञेय भाषा सेतु सम्मान एवं माहेश्वर तिवारी साहित्य सर्जना सम्मान से सम्मानित हो चुके हैं.