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Masik shivaratri 2023: कब है नए साल की पहली मासिक शिवरात्रि? इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा, पाताल की है भद्रा

Masik shivaratri 2023: नए साल 2023 की पहली मासिक शिवरात्रि माघ माह की है. जानते हैं कि माघ मासिक शिवरात्रि कब है और इसकी पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?

Masik shivaratri 2023: नए साल 2023 की पहली मासिक शिवरात्रि माघ माह की है. माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाएगी. माघ शिवरात्रि के बाद ही महाशिवरात्रि आएगी, जिसका सभी शिव भक्तों को पूरे साल इंतजार रहता है. मासिक शिवरात्रि को प्रात:काल से ही मंदिरों और घरों में पूजा पाठ प्रारंभ हो जाता है, लेकिन मंत्रों की सिद्धि के लिए निशाकाल की पूजा का बड़ा महत्व होता है. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कृमार भार्गव से जानते हैं कि माघ मासिक शिवरात्रि कब है और इसकी पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?

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माघ मासिक शिवरात्रि 2023
पंचांग के अनुसार, इस साल माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी ति​थि 20 जनवरी दिन शुक्रवार को सुबह 09 बजकर 59 मिनट पर शुरू हो रही है. यह ति​थि 21 जनवरी को प्रात: 06 बजकर 17 मिनट पर खत्म हो जाएगी. मासिक शिवरात्रि की पूजा में निशिता काल पूजा का मुहूर्त मान्य होता है, इस आधार पर माघ मासिक शिवरात्रि 20 जनवरी को मनाई जाएगी.

माघ मासिक शिवरात्रि 2023 पूजा मुहूर्त
जो लोग 20 जनवरी को माघ मासिक शिवरात्रि का व्रत रखेंगे, वे लोग निशाकाल में भगवान शिव का पूजन रात्रि 12 बजकर 05 मिनट कर सकते हैं. यह पूजा मुहूर्त देर रात 12 बजकर 59 मिनट तक है. इस रात शिव पूजा का मुहूर्त 55 मिनट का है.

जिन लोगों को निशाकाल की पूजा नहीं करनी है तो वे लोग 20 जनवरी को सुबह से ही माघ मासिक शिवरात्रि की पूजा कर सकते हैं.

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माघ मासिक शिवरात्रि के दिन भद्रा
माघ मासिक शिवरात्रि पर भद्रा है. इस दिन सुबह 09 बजकर 59 मिनट से भद्रा लग रही है, जो उस रात 08 बजकर 10 मिनट तक रहेगी. चतुर्दशी तिथि के प्रारंभ के साथ ही भद्रा लग रही है. यह पाताल की भद्रा है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पाताल की भद्रा का दुष्प्रभाव पृथ्वी पर नहीं होता है. ऐसे में इस दिन आप शुभ कार्य कर सकते हैं.

माघ मासिक शिवरात्रि की पूजा
इस दिन आप भगवान शिव शंकर का गंगाजल और गाय के दूध से अभिषेक करें. उसके बाद उनको चंदन, अक्षत्, फूल, वस्त्र, बेलपत्र, शहद, नैवेद्य, दीप आदि अर्पित करें. उसके बाद शिव चालीसा का पाठ करें. पूजा का समापन भगवान शिव जी की आरती से करें. उसके बाद शिव जी से मनोकामना पूर्ति के लिए प्रार्थना करें.

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