All for Joomla All for Webmasters
शेयर बाजार

Adani FPO: अदानी एंटरप्राइजेज के FPO को आखिरी वक्त में किसने बचाया? इस कंपनी ने किया $40 करोड़ का निवेश

adani

Adani FPO: पिछले हफ्ते एक अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग कंपनी Hindenburg Research की रिपोर्ट ने Adani Group की कंपनियों के शेयरों की फजीहत करा दी. इस बीच ग्रुप की लीडिंग कंपनी Adani Enterprises का FPO (Follow on Public Offer) भी आया था, जिसके लिए निवेशकों के बीच अनिश्चितता फैल गई. स्थिति ऐसी बन गई कि ये अटकलें लगने लगीं कि FPO आखिरी दिन तक सब्सक्राइब हो पाएगा या नहीं. मंगलवार को FPO का सब्सक्रिप्शन बंद हो रहा था, लेकिन ग्रुप के शेयरों में आ रही गिरावट के बीच अबु धाबी की कंपनी International Holding Company (IHC) ने अदानी समूह की अदानी एंटरप्राइजेज के अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) में 40 करोड़ डॉलर का निवेश किया है. IHC ने सोमवार को एक बयान में बताया कि इस FPO में निवेश उसने अपनी सब्सिडियरी ग्रीन ट्रांसमिशन इन्वेस्टमेंट होल्डिंग आरएससी लिमिटेड के जरिए किया है.

ये भी पढ़ें–  Economic Survey: वित्त मंत्री ने पेश किया इकोनॉमिक सर्वे, जानें इस साल किस रफ्तार से होगी देश की ग्रोथ?

Hindenburg Report से झटके में आ गए थे अदानी ग्रुप के शेयर

अमेरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी एक रिपोर्ट में अदानी समूह पर धोखाधड़ी के आरोप लगाए थे. इसके बाद समूह की कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में भारी गिरावट आई है. हिंडनबर्ग की यह रिपोर्ट अदानी एंटरप्राइजेज की तरफ से 20,000 करोड़ रुपये के FPO लाने के ऐन पहले आई थी. आईएचसी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सैयद बसर शोएब ने कहा, ‘‘अदानी समूह में हमारी दिलचस्पी का कारण अदानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के बुनियादी सिद्धांतों में हमारा भरोसा और विश्वास है. दीर्घकालिक नजरिए से हमें वृद्धि की मजबूत संभावना और हमारे शेयरधारकों के लिए अधिक मूल्य देखने को मिल रहा है.’’

Adani Enterprises FPO: साथी उद्योगपतियों की मदद से फुली सब्सक्राइब हुआ एफपीओ

ये भी पढ़ें– Budget 2023: इंफ्रास्ट्रक्चर पर बड़ा ऐलान, सरकार ने खर्च बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये किया

मंगलवार को बाजार बंद होने तक Adani Enterprises FPO पूरी तरह से सब्सक्राइब हो चुका था. शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक 20,000 करोड़ रुपये के एफपीओ को मंगलवार को निर्गम के आखिरी दिन निवेशकों का समर्थन मिला जिनमें कुछ साथी उद्योगपतियों की पारिवारिक कंपनियां और गैर-खुदरा निवेशक शामिल हैं. शेयर बाजार से मिले आंकड़ों के मुताबिक, एफपीओ के तहत की गई 4.55 करोड़ शेयरों की पेशकश के मुकाबले 4.62 करोड़ शेयरों की मांग निवेशकों की तरफ से की गई.

Adani FPO Subscription: किसने-कितना किया सब्सक्राइब?

बीएसई के आंकड़ों के अनुसार, गैर-संस्थागत निवेशकों ने उनके लिए आरक्षित 96.16 लाख शेयरों के मुकाबले तीन गुना से अधिक शेयरों के लिए बोलियां लगाईं. प्रस्ताविक कीमत कंपनी के शेयर से ज्यादा होने के बावजूद 4.55 करोड़ शेयरों के प्रस्ताव के बदले 5.08 करोड़ शेयरों की मांग की गई. पात्र संस्थागत खरीदारों (क्यूआईबी) के लिए आरक्षित 1.28 करोड़ शेयरों को लगभग पूरा अभिदान मिला. हालांकि, खुदरा निवेशकों और कंपनी के कर्मचारियों की एफपीओ के प्रति उदासीनता देखने को मिली. खुदरा निवेशकों के लिए लगभग आधा निर्गम आरक्षित था, जबकि उन्होंने अपने लिए आरक्षित 2.29 करोड़ शेयरों में से केवल 11 प्रतिशत के लिए बोली लगाई. कर्मचारियों के लिए आरक्षित 1.6 लाख शेयरों में 52 फीसदी के लिए बोलियां आईं. उद्योग सूत्रों ने कहा कि देश के कुछ बड़े उद्योगपतियों के परिवार की तरफ से भी शेयरों के लिए बोलियां लगाई गईं. हालांकि इन निवेशकों के नाम की पुष्टि तात्कालिक तौर पर नहीं हो पाई है. अदानी समूह की तरफ से भी निवेशकों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है

Source :
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय

To Top