हीरा (Diamond) बनाने में इस्तेमाल होने वाले बीजों पर आयात शुल्क में कटौती कर दी गई है. ऐसे में अब भारतीय लैब में ही हीरों के उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा. इसके लिए बहुत जल्द ही देश के किसी एक आईआईटी को अनुसंधान और प्रैद्योगिकी विकास के लिए अनुदान दिया जाएगा.
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नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में कई तरह के प्रावधान किए हैं. इस साल के बजट में जहां टैक्स स्लैब में राहत दी गई है. वहीं, कई ऐसी चीजें हैं जो महंगी भी हो जाएंगी. सोना-चांदी प्लेटिनम पर सीमा शुल्क को बढ़ा दिया गया है. वहीं, हीरा (Diamond) बनाने में इस्तेमाल होने वाले बीजों पर आयात शुल्क में कटौती कर दी गई है. ऐसे में अब भारतीय लैब में ही हीरों के उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा. इसके लिए बहुत जल्द ही देश के किसी एक आईआईटी को अनुसंधान और प्रैद्योगिकी विकास के लिए अनुदान दिया जाएगा.
मोदी सरकार आयात पर निर्भरता कम करने के लिए कई तरह के उपाय कर रही है. खासकर हीरा कारोबार से जुड़े व्यवसाय को एक बार फिर से गति देने की कवायद चल रही है. इससे देश में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत प्राकृतिक हीरों की कटाई और पॉलिशिंग में एक वैश्विक लीडर के रूप में काम करता है, जो मूल्य के वैश्विक कारोबार में लगभग तीन चौथाई योगदान देता है.
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हीरा कारोबार भारत में होगा अब आसान
देश में हीरा का कारोबार के लिए गुजरात अग्रणी भूमिका निभाता है, लेकिन पिछले दिनों से यूक्रेन युद्ध के बाद हीरा कारोबार पर जबरदस्त प्रभाव देखने को मिल रहा है. खासकर गुजरात के सूरत में अलग-अलग कंपनियां हीरे की कटाई और पॉलिश का काम करती है. सूरत हीरे की पॉलिशिंग के लिए दुनिया के सबसे बड़े केंद्रों में से एक है. रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की वजह से यहां हजारों लोग बेरोजगार हो गए हैं या फिर उन्हें कुछ ही घंटों का काम मिल पा रहा है.
मोदी सरकार ने इसलिए उठाया यह कदम
आपको बता दें कि स्थानीय हीरा उद्योग को ज्यादातर हीरे रूस से प्राप्त होते हैं और लड़ाई की वजह से इनकी उपलब्धता घट गई है. ऐसे में हीरा कारखानों के सामने संकट हो गया था उनका व्यवसाय कैसे आगे चलेगा. बता दें कि सूरत में हीरे चमकाने वाली यानी पॉलिश करने वाली करीब छह हजार ईकाइयां काम कर रही हैं. एक अनुमान के मुताबिक इन ईकाइयों में 5 लाख से अधिक श्रमिक काम करते हैं. मोदी सरकार के इस फैसले के बाद इनको बड़ा फायदा मिलने वाला है.
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गौरतलब है कि रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के कारण कच्चे हीरे की आपूर्ति को बाधित हो गई थी. खासकर भारत के सूरत शहर में इसका सीधा प्रभाव पड़ा था. अमेरिका भारत में संसाधित यानी पॉलिश किए गए हीरों का सबसे बड़ा बाजार है, लेकिन कई अमेरिकी कंपनियां अब रूसी मूल के सामान को खरीदने से इनकार कर रही हैं. ऐसे में मोदी सरकार ने आयात शुल्क में कटौती कर अन्य देशों से भी कच्चे हीरे खरीदने का रास्ता साफ कर दिया है.