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Guru Ravidas Jayanti 2023: आज है गुरु रविदास जयंती, जानें महत्व

Guru Ravidas Jayanti : गुरु रविदास जयंती माघ मास की पूर्णिमा के दिन यानी माघ पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है. यह सिखों के बीच रविदासिया संप्रदाय से संबंधित लोगों के लिए वार्षिक उत्सव है.

Guru Ravidas Jayanti 2023 significance: गुरु रविदास जयंती 2023 (Guru Ravidas Jayanti 2023) 5 फरवरी को मनाई जाएगी. यह दिन भक्ति आंदोलन के प्रसिद्ध संत के जन्म का जश्न मनाया जाता है. इस साल, भारत महान कवि और आध्यात्मिक हस्ती की 646वीं जयंती मनाएगा. द्रिक पंचांग के अनुसार माघ मास की पूर्णिमा के दिन यानी माघ पूर्णिमा(Magh Purnima) को गुरु रविदास (Guru Ravidas) का जन्मदिन मनाया जाता है. यह सिखों के बीच रविदासिया (Ravidassia) संप्रदाय से संबंधित लोगों के लिए वार्षिक उत्सव है. संत रविदास के पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में अनुयायियों की अच्छी खासी आबादी है. हम यहां आपको गुरु रविदास जयंती (Guru Ravidas Jayanti) की तारीख, समय, महत्व (Guru Ravidas Jayanti significance) के बारे में बता रहे हैं.

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भारत में लोग इस खास मौके को बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं. गुरु रविदास जयंती (Guru Ravidas Jayanti) के दिन, भक्त नदी में पवित्र डुबकी लगाते हैं और कई अनुष्ठान करते हैं. रविदास एक ईश्वर में विश्वास और निष्पक्ष धार्मिक कविताओं के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने अपना पूरा जीवन जाति व्यवस्था के उन्मूलन में लगा दिया और जाति व्यवस्था की धारणा का खुले तौर पर तिरस्कार किया.

गुरु रविदास जयंती की तारीख (Guru Ravidas Jayanti 2023 Date)

– 2023 में गुरु रविदास जयंती (Guru Ravidas Jayanti 2023) 5 फरवरी को मनाई जाएगी.
– पूर्णिमा तिथि (Magh Purnima Date) का प्रारंभ 4 फरवरी 2023 को रात 09:29 बजे से होगा और समापन 05 फरवरी को रात 11:58 बजे होगा.

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गुरु रविदास जयंती की महत्व (Guru Ravidas Jayanti Significance)

गुरु रविदास (Guru Ravidas), जिन्हें रैदास, रोहिदास और रूहिदास के नाम से भी जाना जाता है, का जन्म 1377 ई. में वाराणसी, उत्तर प्रदेश के मांडुआधे में हुआ था. उनके भक्ति गीतों और छंदों ने भक्ति आंदोलन पर स्थायी प्रभाव डाला. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, गुरु रविदास का जन्म माघ पूर्णिमा के दिन हुआ था. इसलिए, हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार माघ पूर्णिमा पर उनकी जयंती मनाई जाती है. हालांकि रविदास की सही जन्म तिथि पर विवाद है, जैसा कि कुछ विद्वानों का मानना है कि यह वर्ष 1399 था, जब गुरु रविदास का जन्म हुआ था.

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रविदास (Ravidas) ने रविदासिया (Ravidassia) धर्म की स्थापना की थी और संत कबीर (Sant Kabir) के शिष्य थे. मीराबाई (Mirabai) उनकी शिष्या थीं. उनका जन्म स्थान अब श्री गुरु रविदास जन्म स्थान (Shri Guru Ravidas Janam Asthan) के रूप में जाना जाता है और यह गुरु रविदास के अनुयायियों के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थान है. उनके इकतालीस भक्ति गीत और कविताएं सिख ग्रंथ, गुरु ग्रंथ साहिब (Guru Granth Sahib) में शामिल हैं.

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