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नई कर व्यवस्था में 7 लाख से ऊपर के वेतन पर कैसे की जाएगी टैक्स की गणना, फटाफट यहां जानें कैलकुलेशन का तरीका

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New Tax Regime: नई कर व्यवस्था में 7 लाख से ऊपर के वेतन पर किस तरह से गणना की जाएगी. यहां पर उसके बारे में कैलकुलेशन का तरीका बताया गया है.

New Income Tax Regime: बजट 2023 की व्यक्तिगत आयकर स्लैब सबसे बड़ी सुर्खियों में से एक रहा है. जिसमें संशोधन किया गया है. टैक्स स्लैब में परिवर्तन किया गया है. इससे मध्यम वर्ग को राहत मिलेगी और खपत की मांग को बढ़ावा मिलने की संभावना जताई जा रही है.

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विशेषज्ञों ने संशोधित नए आयकर स्लैब का दिल खोलकर स्वागत किया है. हालांकि, सरकार ने पुरानी टैक्स व्यवस्था को खत्म नहीं किया है. लेकिन अब, करदाताओं के पास दोनों में से किसी भी व्यवस्था में अपने करों का भुगतान करने का विकल्प है. लेकिन नई कर व्यवस्था डिफॉल्ट हो जाएगी और पुरानी व्यवस्था को वैकल्पिक कर दिया गया है. एक आम आदमी के लिए सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि नई व्यवस्था में आपके टैक्स की गणना कैसे की जाएगी.

नई कर व्यवस्था की प्रमुख विशेषताओं में, 7 लाख के वेतन पर छूट की सीमा होगी. इसका मतलब है कि जिस करदाता की आय 7 लाख रुपये है, उसे कोई कर नहीं देना होगा. लेकिन पुरानी व्यवस्था में ऐसा नहीं है, जहां छूट की सीमा 5 लाख रुपये है.

इसके अलावा, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में, स्लैब की संख्या को घटाकर पांच और कर छूट की सीमा को बढ़ाकर 3 लाख करके इसकी संरचना को बदलने का प्रस्ताव दिया.

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नई संशोधित कर दरें हैं

  • 3 लाख की आय स्लैब: कोई कर नहीं लगाया गया
  • 3 लाख से 6 लाख की आय: 5% टैक्स दर
  • 6 लाख से 9 लाख की आय: 10% कर की दर
  • 9 लाख से 12 लाख की आय: 15% कर की दर
  • 12 लाख से 15 लाख की आय: 20% कर की दर
  • 15 लाख से अधिक आय: 30%.

वित्तमंत्री ने घोषणा की कि नई आयकर व्यवस्था डिफ़ॉल्ट कर व्यवस्था होगी. हालांकि, नागरिकों के पास पुरानी कर व्यवस्था का लाभ उठाने का विकल्प बना रहेगा.

लाइव मिंट की खबर के मुताबिक, फिस्डम कंपनी टैक्स2विन के सह-संस्थापक और सीईओ अभिषेक सोनी करदाताओं के लिए मुख्य आकर्षण बताये हैं, जो निम्न प्रकार हैं-

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नई कर व्यवस्था को डिफ़ॉल्ट व्यवस्था के रूप में घोषित किया गया है. हालांकि, करदाताओं के पास पुरानी व्यवस्था चुनने का विकल्प होगा.

  • 3 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा.
  • व्यक्तिगत कर स्लैब को 6 से घटाकर 5 कर दिया गया है.
  • आयकर में छूट की सीमा पांच लाख रुपये से बढ़ाकर सात लाख रुपये की गई
  • नई कर व्यवस्था के तहत अधिभार दर 37% से घटाकर 25% कर दी गई है.

सोनी ने आगे उदाहरण के जरिए नई कर व्यवस्था के तहत उच्च और निम्न आय के लिए कर गणना की समझाते हैं-

उदाहरण 1:

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