नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) में एक बुजुर्ग की मौत के बाद उसके पुत्र ने अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया. पुत्र ने पिता के अंतिम संस्कार के लिए पैसे की डिमांड की. जिसके बाद मजबूरन बेटी को अपने पिता का अंतिम संस्कार करना पड़ा. जब पिता की लाश चौखट पर पड़ी हो उस समय अंतिम संस्कार करने के लिए पैसे मांगने वाले पुत्र के इस करतूत की चारों तरफ आलोचना हो रही है. मानवता को शर्मसार करने वाली यह खबर आंध्र प्रदेश के एनटीआर जिले (NTR) के पेनुगंचिप्रोलु की है.
मृतक बुजुर्ग गिंजुपल्ली कोटाया (80) आंध्र प्रदेश के एनटीआर जिले के पेनुगंचिप्रोलु मंडल के अनिगंदलापडु गांव के मूल निवासी थे. संपत्ति को लेकर पिता-पुत्र के बीच अक्सर झगड़ा होता रहता था. कोटाया को अपनी जमीन बेचने के बाद एक करोड़ रुपये मिले. जिसमें उन्होंने अपने बेटे को 70 लाख रुपये दिए और बाकी 30 लाख रुपये अपने पास रख लिए. जिससे उनका बेटा खुश नहीं था.
पिता को करता था प्रताड़ित
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कोटैया का बेटा अपने हिस्से के पैसे से संतुष्ट नहीं था. उसने अपने पिता से बांकी के 30 लाख रुपये देने की मांग भी की. वह 30 लाख रुपए को लेकर हमेशा कोटैया को परेशान करता था. रुपये नहीं देने पर पिता को जान से मारने की धमकी भी दिया था. यहां तक कि उसने अपने पिता को भी शारीरिक रूप से भी प्रताड़ित किया. अपने बेटे की प्रताड़ना को सहन करने में असमर्थ, कोटैया अपनी पत्नी के साथ कुछ समय पहले अपनी बेटी विजयलक्ष्मी के घर गुम्मदीदुरू गांव चले गए. इसके बाद से दंपति अपनी बेटी के घर रह रहा.
कोटाया के बेटे को उनके स्वास्थ्य स्थिति के बारे में बिल्कुल भी चिंता नहीं थी. उनकी बेटी ही उनके स्वास्थ्य की देखभाल कर रही थी. शुक्रवार को कोटैया का वृद्धावस्था संबंधी बीमारियों के कारण निधन हो गया. परिजनों ने कोटैया के मौत की जानकारी उनके बेटे को दी. लेकिन उसने अपने पिता के शव का अपने घर पर अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया.
बेटी ने किया अंतिम संस्कार
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मृतक के बेटे ने स्पष्ट रूप से कहा कि वह अंतिम संस्कार तभी करेगा जब कोटैया का पैसा उसे दे दिया जाएगा. उसकी संवेदनहीनता देख वहां हर कोई हतप्रभ था. अंतिम संस्कार में मौजूद लोग यही कह रहे थे कि भगवान ऐसी औलाद किसी को न दे. पुत्र द्वारा पिता का अंतिम संस्कार करने से मना करने पर विजयलक्ष्मी ने अपने पिता का अंतिम संस्कार किया.